बिलासपुरछत्तीसगढ़

एक बार फिर KIMS हॉस्पिटल आया चर्चा में….आयुष्मान कार्ड को अमान्य बता, दबाव डालकर प्रसूता के पति से जबरदस्ती 48 हजार के बिल का भुगतान लगा आरोप!

बिलासपुर- जहां एक तरफ सरकार द्वारा स्वास्थ्य से संबंधित विविध योजनाएं और सुविधाएं देने का दावा किया जाता है वहीं दूसरी तरफ योजनाओं को ठेंगा दिखाते हुए निजी अस्पताल संचालक गरीब जनता से इलाज के नाम पर हजारों लाखों रुपये ऐंठ रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला मगरपारा के चर्चित किम्स हॉस्पिटल का सामने आया है। जहां ईएसआईसी और आयुष्मान कार्ड को अमान्य कर दबाव डालकर प्रसूता के पति से जबरदस्ती 48 हजार के बिल का भुगतान करा लिया गया। इतना ही नही डिस्चार्ज के दौरान जब बताया गया कि प्रसूता को बुखार है तो उसे दुबारा काउंटर में पैसा जमा कराने कहा गया।

गोड़पारा के निगम के टास्क कर्मी कैलाश सोनी ने अपनी गर्भवती पत्नी रेणु सोनी को प्रसूती के लिए मगरपारा के किम्स अस्पताल में इस शर्त पर भर्ती कराया कि उसके पास पैसे नही है क्या esic कार्ड से उसकी पत्नी का उपचार हो जाएगा ।अस्पताल प्रबंधन ने कार्ड से इलाज करने और कोई शुल्क नही लगने की बात कही फिर यह कहकर दस्तावेज वापस कर दिया कि मुख्यालय का सिस्टम इसे एक्सेप्ट नही कर रहा। इसके बाद कैलाश ने आयुष्मान कार्ड पेश किया पर उसे भी अमान्य बता कर कहा गया कि अपको बिल का भुगतान करना होगा। प्रबंधन ने सरेआम बेइज्जत कर कह दिया कि कलेक्टर सीएमएचओ जिससे शिकायत करना हो कर लो जिससे दबाव से परेशान कैलाश को अपनी पत्नी का मंगलसूत्र गिरवी रख 48000 रुपये का भुगतान करना पड़ा। कैलाश के मुताबिक उससे ऑनलाइन 35000 और नकद 14000 लेने के बाद फीवर होने के बावजूद उसकी प्रसूति पत्नी को अस्पताल से यह कहकर डिस्चार्ज कर दिया गया कि अब प्रसूता को घर ले जाइए छुट्टी हो गई और यदि बुखार का इलाज कराने के बाद जाना है तो फिर से काउंटर पर पैसा जमा कराइये।

ऐसे चल रहा सिस्टम

पीड़ित पति कैलाश ने कलेक्टर और सीएमओ से भी इसकी लिखित शिकायत दर्ज करा न्याय की गुहार लगाई। सीएचएमओ कार्यालय से जवाब मिला कि आपकी शिकायत पर जांच टीम गठित कर दी गई है पर हुआ कुछ नही।

अब सवाल यह उठ रहा कि जब सम्भागीय मुख्यालय में सरकार की योजनाओं और सुशासन के दावे के ये हाल है तो ग्रामीण क्षेत्र में योजनाओं का कौन माई बाप होगा।

 

 

The Samachaar

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button