छत्तीसगढ़

जुताई के दौरान किसान को मिली प्राचीन मूर्तियाँ..

जो मूर्ति मिली है वो उमामहेश्वर की प्रतिमा है जो 11वीं व 12वीं सदी की हो सकती है

एमसीबी / मनेंद्रगढ़- खड़ागांव विकासखंड के ग्राम धवलपुर में पिछले दिनों किसान इंद्रपाल मरकाम अपने खेत में ट्रैक्टर से जुताई कर रहा था। इसी दौरान उसे एक हिंदू देवी देवता की प्राचीन दो मूर्तियां मिली। गांव में चर्चा फैली। मूर्तियों को जमीन से निकालकर सुरक्षित सरपंच और उपसरपंच की देखकर में रखा गया है।

एमसीबी में प्राचीन मूर्तियां मिली…

एमसीबी के पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग के नोडल अधिकारी ने बताया “जो मूर्ति मिली है वो उमामहेश्वर की प्रतिमा है। जो 11वीं व 12वीं सदी की हो सकती है । कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया है। इसे जल्द देखकर अस्थाई जिला संग्रहालय में सुरक्षित रखवा लिया जाएगा।

11वीं व 12वीं सदी की हो सकती है मूर्तियां।

कोरिया रियासत के राजा धौरेल शाह का था पुराना किला..

मनेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर लेदरी, छिपछिपी होकर धवलपुर पहुंचा जाता है। कहा जाता है कि यहां कोरिया रियासत के राजा धौरेल शाह का एक पुराना किला था। 16वीं सदी में कोरिया रियासत के राजा यहां राज किया करते थे. इस महल के भग्नावेश आज भी जीणशीर्ण अवस्था में जगह जगह पड़े हुए हैं। इन भग्नाशेष व स्तंभों को देखकर ऐसा लगता है कि प्राचीन काल में इस घने वनांचल क्षेत्र में पत्थरों से किस प्रकार गढ़ी और किला बनाया गया होगा। इन पत्थरों में जो चित्र उकेरे गये हैं वह हमारे प्राचीन स्थापत्य कला के साथ मूर्ति कला की उत्कृष्टता को भी दर्शाते हैं। इस किला के पास धौरेल राजा का कुआं भी स्थित है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सालभर इस कुएं में पानी रहता है।

The Samachaar

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