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सरकारी फंड नहीं मिला तो 90 लाख की पुश्तैनी जमीन बेच विधायक रिकेश सेन ने किया ये काम, जानें पूरा मामला

रिकेश सेन विधानसभा चुनाव जीत विधायक बने और उन्होंने तत्काल निगम व जिला प्रशासन के अधिकारियों से सूर्य कुंड तालाब बनवाने पहल की तो पता लगा कि तालाब निर्माण में कोई भी शासकीय फंड नहीं दिया जा सकता. तमाम तकनीकी परेशानियां हमेशा की तरह इस संकल्प में भी मुंह बाए खड़ी थी.

वैशाली नगर – विधानसभा चुनाव पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने वैशाली नगर से पार्षद रिकेश सेन को प्रत्याशी बनाया. इसी दौरान बैकुंठ धाम में एक चुनावी सभा के दौरान गोरखपुर के सांसद व भोजपुरी अभिनेता रवि किशन की आमसभा में निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने सूर्य कुंड तालाब को विकसित और बेहतर स्वरूप दिलाने अपने जीवन के एक बड़े स्वप्न की चर्चा करते हुए बताया कि वर्षों से लंबित यही कार्य सबसे बड़ा जरूरी है. उनकी बात पर प्रत्याशी रिकेश सेन ने गंगा जल लेकर सूर्य कुंड तालाब को बेहतर बनवाने की कसम ली थी.

कसम ली तो खड़ा हुआ अड़चनों का पहाड़

रिकेश सेन विधानसभा चुनाव जीत विधायक बने और उन्होंने तत्काल निगम व जिला प्रशासन के अधिकारियों से सूर्य कुंड तालाब बनवाने पहल की तो पता लगा कि तालाब निर्माण में कोई भी शासकीय फंड नहीं दिया जा सकता. तमाम तकनीकी परेशानियां हमेशा की तरह इस संकल्प में भी मुंह बाए खड़ी थी. तब विधायक रिकेश सेन ने गंगा जल की कसम का हवाला देते हुए अपने गांव की 90 लाख की पैतृक जमीन बेंच दी, राजेंद्र अरोरा ने भी जहां अपनी कुछ जमीन बेची वहीं पूर्व पार्षद राजेश प्रसाद ने पत्नी के गहने बेच दिए. निजी प्रयास से जमा राशि में बैकुंठधाम के लोगों ने भी सहयोग दिया.

बीस साल पहले पानी वाले बाबा ने चलाई थी कुदाल

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व भिलाई नगर विधायक प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बैकुंठ धाम के सूर्यकुण्ड तालाब के लिए 5 कुदाल चलाई थी. पानी वाले बाबा के रूप में मशहूर प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने छठ पूजा सहित तीज त्यौहार और समीपस्थ क्षेत्रों के वाटर लेबल को बढ़ाने इस तालाब की महति आवश्यकता को प्रतिपादित किया था. राजेंद्र अरोरा ने‌ बताया कि इस दौरान तात्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की धर्मपत्नी वीणा सिंह भी कार्यक्रम में 20 अगस्त 2004 को मौजूद रहीं. भूमिपूजन के बाद कार्य प्रारंभ होते ही विपक्ष की राजनीतिक हठधर्मिता के चलते कुछ जनप्रतिनिधि हाई कोर्ट से स्टे ले आए और काम रोकना पड़ा. इसके बाद जब जब सूर्य कुंड निर्माण की बात आई कोई न कोई आपत्ति अड़चन-बाधक बनी.

सूर्यकुण्ड मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट – रिकेश

वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने बताया कि गंगा जल की कसम लेने के बाद सूर्यकुण्ड मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट बना. फंड न होने के बाद भी हमने 90 लाख की जमीन बेचा और इसके बाद सहयोग करने वाले लगातार मिलते जा रहे हैं. अब तक डेढ़ करोड़ रूपये तालाब के निर्माण में लग चुका है और लगभग 60 फीसदी सौंदर्यीकरण कार्य के बाद ही यह तालाब भव्य रूप ले चुका है. छठ पूजा के बाद इसका बचा हुआ कार्य होगा और बहुत जल्द सूर्य कुंड तालाब वैशाली नगर की एक अलग पहचान बनेगा.

51 पवित्र नदियों का जल सूर्य कुंड में होगा समाहित

विधायक रिकेश सेन ने बताया कि बैकुंठ धाम के सूर्यकुण्ड तालाब का भूमिपूजन विधायक प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने की थी अब मां गंगा सहित 51 पवित्र नदियों का जल समाहित कर सूर्य कुंड तालाब को वास्तविक स्वरूप दिया जा रहा है. पिछले छः महीने से पवित्र 51 नदियों का जल एकत्रीकरण किया जा रहा था. 04 नवंबर सोमवार को मध्यान्ह 2 बजे से जलेबी चौक केम्प-1 से गंगा नदी, ब्यास नदी, साबरी नदी, सुवर्णमुखी नदी, कर्णावती नदी, यमुना नदी, रामगंगा नदी, इंद्रावती नदी, कूनो नदी, सरस्वती नदी, शारदा नदी, बागमती नदी, ब्रह्मपुत्र नदी, शिवनाथ नदी, पंचगंगा नदी, भागीरथी नदी, स्वर्ण रेखा नदी, हसदेव नदी, कावेरी नदी, साबरमती नदी, केन नदी, गोदावरी नदी, तुंगभद्रा नदी, सरयू नदी सहित भारतवर्ष की पवित्र 51 नदियों का जल कुंड में मिला कर कलश कुंड यात्रा निकाली जाएगी जो कि शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करती हुई सूर्य कुंड गंगा घाट बैकुंठधाम पहुंचेगी. शाम को सूर्यकुण्ड तट पर भगवान सूर्य का अभिषेक और गंगा आरती के साथ नदियों का पवित्र जल सूर्यकुण्ड में समाहित किया जाएगा.

सूर्य कुंड लाखों भिलाई वासियों की आस्था का प्रतीक

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा सहित बैकुंठधाम तालाब लाखों लोगों की आस्था का भी प्रतीक रहा है. बैकुंठ धाम के संस्थापक राजेंद्र अरोरा ने अथक प्रयास किया, कई जनप्रतिनिधि अलग अलग पदों पर आए फिर भी सूर्यकुण्ड तालाब का निर्माण कभी नहीं हो पाया क्योंकि इच्छाशक्ति की कमी थी और कहीं न कहीं कानूनी अड़चन भी रही. कई बैकुंठ धामवासियों को जेल भी जाना पड़ा, कई लोगों ने लाठियां भी खाईं मगर हर बार सूर्यकुण्ड निर्माण को पीछे धकेला जाता रहा. कुछ लोग हर बात पर याचिका लगाते रहे. एक बड़ा वर्ग ऐसा था जो चाहता रहा कि सूर्यकुण्ड तालाब न बने. कसम खाने के बाद भी लोग विश्वास नहीं करते थे कि कभी यह तालाब बन पायेगा. मैं हिंदू हूं और गंगा जल की कसम मैंने खाई थी कि तलाब को बनाना है. विधायक बनते ही पहले दिन से ही यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है.

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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