कोरबा – कोरबा जिले के कटघोरा में लिथियम का भंडार पाया गया है, जिओलाजिकल सर्वे आफ इंडिया में कटघोरा के लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लीथियम के बड़ा भंडार होने की पुष्टि हुई है। जिसकी मीनिंग जल्द ही शुरू होगी, इसके नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई है खदान से लिथियम निकालने की प्रक्रिया में 2 से 5 साल लग सकता है वर्तमान में छत्तीसगढ़ और जम्मू कश्मीर में ही लिथियम के भंडार है जम्मू कश्मीर का भंडार दुर्गम स्थल पर है इस वजह से किसी भी माइनिंग कंपनी ने अपनी रुचि नहीं दिखाई। वही छत्तीसगढ़ में कोलकाता बेस्ड माईकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर दिया गया है।
कटघोरा में शीघ्र ही शुरू होने वाली लीथियम की खदान देश की पहली लीथियम खदान होगी। लीथियम एक अहम धातु है इससे राज्य और देश के विकास को नई दिशा मिलेगी। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा और विकसित भारत, 2047 के योगदान में छत्तीसगढ़ के लीभियम भंडार का बड़ा योगदान होगा।
केंद्र सरकार के खान मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ सहित बिहार, गुजरात, झारखण्ड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में स्थित 20 क्रिटिकल एंड स्ट्रेटेजिक मिनरल ब्लॉक्स का ई-नीलामी के माध्यम में आवंटन हेतु एमएसटीसी पोर्टल एनआईटी जारी किया गया है। इन 20 ब्लॉक्स में से छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित कटघोरा क्षेत्र में लिथियम एंड आरईई ब्लॉक भी शामिल है। लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में जीएसआई द्वारा प्रारंभिक सर्वे में लगभग 10 पीपीएम से 2 हजार पीपीएम लिथियम कन्टेन्ट पाया गया है। ब्लॉक में रेयर अर्थ एलिमेंट की भी उपस्थिति पाई गई है। क्रिटिकल एंडस्ट्रेटेजिक मिनरल्स की आवश्यकता रिन्यूवेबल एनर्जी, रक्षा, कृषि, फार्मास्युटिकल, उच्च-तकनीकी इलेक्ट्रानिक्स, दूरसंचार, परिवहन आदि में होती है। इस खनिज के मामलों में वर्तमान में देश आयात पर निर्भर है।