धूमधाम से मनी देवउठनी एकादशी : कस्तूरबा गांधी विद्यालय में विद्यार्थियों ने तुलसी विवाह के बाद की आतिशबाजी।
बेमेतरा में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में देवउठनी एकादशी का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया। विद्यालय प्रांगण में गन्ने से मंढप सजाया जिसमें माता तुलसी और ठाकुर जी सालिकराम का विवाह रचाया गया।
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के जिले बेमेतरा में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में देवउठनी एकादशी का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया। इस पावन अवसर पर माता तुलसी और ठाकुर जी सालिकराम का विवाह धूमधाम से मनाया गया देवउठनी एकादशी हुआ। विद्यालय प्रांगण में गन्ने से मंढप सजाया गया, जिसमें माता तुलसी और ठाकुर जी सालिकराम का तेल-हल्दी लगाकर विवाह रचाया गया।
इस अवसर पर शिक्षिका राजकिरण मिश्रा ने तुलसी विवाह की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को बताया कि देवी तुलसी असुर जालंधर की पत्नी वृंदा थीं। वृंदा के पतिव्रता धर्म के कारण जालंधर अजेय था, जिसके नाश के लिए भगवान विष्णु ने एक योजना बनाई। वे जालंधर के रूप में वृंदा के पास गए, जिससे वृंदा का पतिव्रता धर्म खंडित हो गया और जालंधर का वध संभव हो सका। इसके बाद वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनका अस्तित्व भस्म हो गया और उसी राख से तुलसी पौधा उत्पन्न हुआ। भगवान विष्णु ने इसे स्वीकारते हुए सालिकराम रूप में प्रकट होकर तुलसी से विवाह का संकल्प लिया। देवउठनी एकादशी पर यह विवाह हर वर्ष संपन्न किया जाता है, और तभी से भगवान विष्णु का भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है।
इस पर्व पर फलों और मिष्ठान का भोग लगाया गया और बच्चों को वितरित किया गया। अधीक्षिका भारती धृतलहरे ने बच्चों में फटाके, चकरी, अनारदाना, और फुलझड़ी का वितरण किया। बच्चों ने उत्साहपूर्वक फुलझड़ी जलाते हुए और फटाके फोड़ते हुए इस पर्व का आनंद उठाया। साथ ही आकाशदीप जलाकर सभी ने खुशियों के साथ पर्व का समापन किया। इस कार्यक्रम में अधीक्षिका भारती धृतलहरे, शिक्षिका राजकिरण मिश्रा, ममता गुरुपंच, ज्योति चंद्राकार, शिखा चौबे, गायत्री साहू, विजयलक्ष्मी परगनिया, सावित्री और दीप्ति ने बच्चों को आशीर्वाद दिया और पर्व की शुभकामनाएं दीं।