COVID-19 के बाद किडनी को हो रहा है गंभीर नुकसान,सामने आई नए शोध की ये चौंकाने वाली बातें…
नई दिल्ली- चीन की कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी और चिफेंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस पर एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया है, जिसमें पता चला है कि कोविड-19 के बाद किडनी में प्रोटीन जमाव और अन्य समस्याएँ बढ़ रही हैं।
किडनी में प्रोटीन जमाव की समस्या
शोधकर्ताओं ने गुर्दे की क्षति की जाँच के लिए 38 रोगियों का अध्ययन किया, जिनमें कोविड के बाद नई शुरुआत प्रोटीनुरिया देखी गई थी। प्रोटीनुरिया का मतलब है मूत्र में अत्यधिक प्रोटीन का निकलना। इन रोगियों की तुलना महामारी से पहले निदान किए गए प्राथमिक एमएन वाले 100 रोगियों से की गई।
वायरल प्रोटीन का जमाव और प्रभाव
अध्ययन में यह पाया गया कि 38 में से 13 रोगियों में सार्स-सीओवी-2 न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन की उपस्थिति पाई गई। ये रोगी नियंत्रण समूह की तुलना में अधिक गंभीर नैदानिक अभिव्यक्तियों का सामना कर रहे थे। इस प्रोटीन के सकारात्मक स्तर वाले रोगियों में नेफ्रोटिक सिंड्रोम, सीरम एल्ब्यूमिन का कम स्तर और किडनी के अंतरालीय फाइब्रोसिस की अधिक गंभीरता देखी गई।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम और एमएन की भूमिका
नेफ्रोटिक सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर मूत्र में बहुत अधिक प्रोटीन उत्सर्जित करता है। इसे ग्लोमेरुलर एपिथेलियल कोशिकाओं के नीचे प्रतिरक्षा परिसरों के जमाव से पहचाना जाता है। शोधकर्ताओं ने संकेत दिया कि सार्स-सीओवी-2 संक्रमण एपिथेलियल कोशिकाओं के नीचे वायरल प्रोटीन के जमाव में योगदान कर सकता है और गुर्दे की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
कोविड-19 और किडनी की क्षति के बीच संबंध
यह अध्ययन पहली बार दिखाता है कि सार्स-सीओवी-2 प्रोटीन ग्लोमेरुलर बेसमेंट झिल्ली में भी जम सकता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी नोट किया है कि सार्स-सीओवी-2 प्रोटीन जमाव और एमएन के रोगजनन के बीच संबंध स्पष्ट नहीं है। इस पर और गहन जांच की आवश्यकता है।
आगे की दिशा
शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में और अधिक शोध की जरूरत पर बल दिया है। कोविड-19 के लंबे समय तक प्रभावों को समझने और किडनी के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इस पर आगे की अनुसंधान और विश्लेषण किए जाएं।
इस शोध से प्राप्त जानकारियाँ हमें कोविड-19 के व्यापक प्रभाव को समझने और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करेंगी।