छत्तीसगढ़ के 10 नगर निगमों में अब कलेक्टर संभालेंगे शहरों की जिम्मेदारी: महापौर और सभापति का ROLE खत्म! पढ़े पूरी ख़बर
10 निगमो में चुनावों में देरी और महापौर का कार्यकाल खत्म होने पर राज्य सरकार ने जिले के कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया है. अब चुनावों तक कलेक्टर के अंडर में ही निगम का पूरा काम होगा.
छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव समय नहीं होने के बाद अब राज्य सरकार ने संबंधित शहरों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. इसके मुताबिक जिले के कलेक्टर अब शहर की सरकार चलाएंगे.
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 10 नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। परिषदों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासक ही वहां का कामकाज संभालेंगे। जहां बतौर प्रशासक के तौर पर कलेक्टर नगर निगमों का कामकाज संभालेंगे। रायपुर समेत 10 निगमों में प्रशासक नियुक्ति का आदेश जारी किया गया है। जहां 5 जनवरी से प्रशासक की नियुक्ति होगी।
जिला कलेक्टर होंगे मुखिया
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, संबंधित जिलों के कलेक्टर संबंधित शहरों के प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे. उनका मुख्य दायित्व शहरों के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाना होगा, जब तक कि नए निकाय चुनाव नहीं कराए जाते हैं.
चुनाव में देरी के कारण प्रशासकों की नियुक्ति
नगरीय निकाय चुनाव में हो रही देरी की वजह से यह कदम उठाया गया है. मतदाता सूची के पुनरीक्षण में संशोधन और अन्य प्रक्रियात्मक कारणों के चलते चुनाव कार्यक्रम फरवरी 2025 के बाद ही संभावित है
डिप्टी सीएम अरुण साव ने की थी पुष्टि
उल्लेखनीय है कि, बीते दिनों डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा था कि, राज्य में नगरीय निकाय चुनाव EVM से नहीं बल्कि बैलेट पेपर से कराए जाएंगे। लेकिन परिस्थितियां बता रही हैं कि, अभी तुरंत चुनाव संभव नहीं है। लिहाजा, 5 जनवरी के बाद निकायों को चलाने के लिए सरकार को प्रशासकों की नियुक्ति करनी ही होगी। क्योंकि, कई बार कई नगर पालिका और निगम के कार्यकाल 5 जनवरी को खत्म हो रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो 5 जनवरी के बाद शहर की सरकार चुने हुए प्रतिनिधि नहीं बल्कि प्रशासक होंगे। ये जिले के सीएमओ या कमिश्नर के अलावा कोई और भी हो सकता है। राज्य में भूपेश बघेल की सरकार के दौरान भी ऐसा हो चुका है।
7 जनवरी को आरक्षण प्रक्रिया होगी पूरी –
नगरीय निकायों के चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया में की निर्धारित तारीख में बदलाव हो गया है। पूर्व में घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया 27 दिसंबर को पूरी होनी थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया को 7 जनवरी को पूरा किया जाएगा।