31 मार्च तक जमा करें हाउस टैक्स नहीं तो दुर्ग निगम करेगी कार्रवाई, अवकाश दिवस में भी खुले रहेंगे कार्यालय .

–निगम का टैक्स तो आखिरकार करना ही है,क्यो ना अनावश्यक पेनाल्टी से बचने टैक्स एवं दुकान किराया का भुगतान करें
दुर्ग/ 4 मार्च।नगर पालिक निगम। शहर के लोगों को नगर निगम प्रशासन ने पेनल्टी से बचने के लिए फिर एक मौका दिया है। नगर निगम ने लोगों को टैक्स एवं दुकान किराया पटाने के लिए आखिरी मौका दिया है, जिसमें आने वाले तीन दिन छुट्टियों के बाद भी नगर निगम स्थित काउंटर कार्यालय खुले रहेंगे। लोग इस वित्त वर्ष के लिए 31 मार्च तक नगर निगम का टैक्स जमा सकते हैं। 31 मार्च तक टैक्स नहीं जमा करने वालों पर पेनल्टी लगेगी। इतना ही नहीं आगे समय बढऩे पर पेनल्टी की दर भी बढ़ती जाएगी। दरअसल, समय के साथ पेनल्टी की दर बढ़ती जाती है। नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कहा है कि जिन लोगों ने संपत्ति कर जमा नहीं किया है वो जमा कर दें,1 अप्रैल के बाद फाइन लगेगा। नगर निगम सीमा अंतर्गत तेजी से टैक्स वसूली पर कार्य होता दिखाई दे रहा है। अवकाश दिवस में भी काउंटर कार्यालय खोले जा रहे हैं और सम्मानित करदाताओं से भी लगातार अपना संपत्ति कर जमा करने के लिए अपील की जा रही है,31 मार्च के बाद 1000 पेनाल्टी नगर निगम द्वारा लगना शुरू हो जाएगा। निगम आयुक्त द्वारा राजस्व विभाग की पुरी टीम को 8 करोड़ का टारगेट दिया है,इसके लिए राजस्व विभाग टीम सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक मेहनत कर पसीना बहा रहे है।
आयुक्त ने शहर वासियों से अपना हाउस टैक्स जमा करने के लिए विशेष रूप से अपील की है।राजस्व अधिकारी आरके बोरकर व सहायक राजस्व अधिकारी भूपेंद्र शुभम गोइर ने बताया आवश्यकता अनुसार कैंप लगाने के लिए भी कहा गया। दिए हुए टारगेट के क्रम में अपनी रफ्तार को तेज कर दिया है। अवकाश दिवस में भी बेहतर कार्य कर रहे हैं। जिसकी आयुक्त सुमित अग्रवाल ने भी प्रशंसा की। लगातार शहर में हाउस टैक्स जमा करने के लिए प्रचार प्रसार भी बृहद स्तर पर चल रहा है। नगर निगम ने क्षेत्र के सभी करदाताओ से अपील अपने सम्पति कर का भुगतान 31 मार्च के पहले करे। टैक्स नही जमा करने से प्रतिवर्ष 1000 रुपये पैनल्टी एवं सम्पति कर का 15℅ अधिभार लगता है। इससे बचने के लिए निगम में काउंटर या वार्ड निगम के एआरआई ARI से संपर्क कर भुगतान करेंगे।नगर निगम क्षेत्र में ऐसे बहुत से करदाता का जिनका काफी लंबे समय से बकाया है। जिसके कारण उन्हें प्रतिवर्ष अधिक राशि डिमांड में जुड़ते रहता है।