पहले व्रत फिर हत्या, व्रत में भगवान से मांगा हत्या में कामयाब होने का फल, पढ़िए रूह कांपने वाली हत्याकांड की पूरी कहानी
छतरपुर – यूं तो सावन माह में लोग भगवान भोले को खुश ओर लंबी उम्र के लिए व्रत रखते है लेकिन, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक आरोपी ने किसी की जान लेने के लिए 11 दिन का व्रत रखा। दिव्यांशु पलिया नाम के युवक ने 11 दिन का व्रत शिवम मिश्रा को जान से मारने के लिए रखा और हुआ भी यही। व्रत पूरे होने के अगले ही दिन दिव्यांशु ने अपने तीन साथियों के साथ मिल कर शिवम को सीसीटीवी कैमरा लगवाने के बहाने अपने दोस्त की दुकान पर बुलवाया और पहले से मोजूद दिव्यांशु और उसके साथियों ने शिवम मिश्रा की पीट पीट कर हत्या कर दी और उसके बाद उसकी मोटरसाइकिल पास के कुएं में फेंक कर शिवम के हाथ पैर बांध कर एक फोर व्हीलर में रख कर नौगांव थाने अंतर्गत धसान नदी में फेंक आए।
वही घटना के बाद जब 26 वर्षीय युवक शिवम मिश्रा का कही पता नहीं लगा तो परिजनों ने सिविल लाइन थाने में 1 अगस्त की रात करीब 9:30 पर गुम इंसान की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने शिवम मिश्रा की तलाश की और संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की तो मामले का हुआ ऐसा खुलासा जिसको सुनकर सब हैरान रह गए।
पुलिस कप्तान अगम जैन ने खुलासा करते हुए बताया कि एक महिला से आरोपी दिव्यांशु पालिया बात किया करता था, जिसकी जानकारी शिवम मिश्रा को लगी और इन दोनों के बीच बुराई शुरू हो गई। बुराई इस कदर बढ़ी की दिव्यांशु पालिया शिवम मिश्रा को मौत के घाट उतारने की प्लानिंग करने लगा, जिसके लिए उसने सबसे पहले श्रावण मास में 11 दिनों का व्रत रखा ताकि वह घटना करने में सफल हो सके और व्रत संपन्न होने के अगले दिन यानी 1 अगस्त को दिव्यांशु पालिया ने अपने साथी राहुल विश्वकर्मा एवं दो अन्य साथियों के साथ मिलकर शिवम मिश्रा की हत्या करने का प्लान बनाया जिसमें राहुल विश्वकर्मा की सीसीटीवी कैमरे की दुकान है और उसने सीसीटीवी कैमरा सुधारने के बहाने शिवम मिश्रा को अपनी दुकान पर बुलाया और दुकान पर ही सभी आरोपी साथियों ने मिलकर पीट-पीट कर हत्या कर दी। उसके बाद हत्या की जानकारी किसी को भी ना लगे इसको लेकर एक बड़ा प्लान किया और सबसे पहले डेड बॉडी के हाथ और पैर रस्सी से बांधे गए उसके बाद अपनी फोर व्हीलर गाड़ी मैं रखकर धसान नदी पर लेकर गए और वहां पर शव को नदी में फेंक दिया। उधर मृतक की बाइक को पास में ही बने कुएं में फेक दिया गया।
ताकि किसी भी प्रकार का सबूत न मिल सके लेकिन पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई और बारीकी से जांच की गई तो घटना की परतें धीरे-धीरे खुलना शुरू हो गई और पुलिस को महज 48 घंटे के भीतर ही सफलता मिल गई जिस पर पुलिस ने दो मुख्य आरोपी दिव्यांशु पालिया और राहुल विश्वकर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जिसमें दो अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए हैं जिस पर पुलिस अभी जांच कर रही है, बहरहाल पुलिस ने इन दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मामले का खुलासा किया और न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई की गई।