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दुर्ग BEO गोविंद साव निलंबित:युक्तियुक्तकरण से अपने पत्नी को बचाने बीईओ साव ने हिंदी की टीचर को गणित का टीचर बताया ! पढ़े ख़बर

शिक्षक पत्नी को युक्तियुक्तकरण से बचाने अतिशेष शिक्षकों की सूची में कूटरचना करना दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भारी पड़ गया।

– शिक्षक पत्नी को युक्तियुक्तकरण से बचाने अतिशेष शिक्षकों की सूची में कूटरचना करना दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भारी पड़ गया।

– मामले का खुलासा होने के बाद संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

दुर्ग(The समाचार) – शिक्षक पत्नी को युक्तियुक्तकरण से बचाने अतिशेष शिक्षकों की सूची में कूटरचना करना दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भारी पड़ गया। मामले का खुलासा होने के बाद संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने दुर्ग विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साव ने युक्तियुक्तकरण से बचाने अतिशेष शिक्षकों सूची में अपनी पत्नी कुमुदनी साव उच्च वर्ग शिक्षक हिन्दी को उच्च वर्ग शिक्षक गणित बता दिया था। संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव को निलंबित किया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव की पत्नी कुमुदनी साव उच्च वर्ग शिक्षक (हिन्दी) के रूप में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सेक्टर-9 भिलाई में पदस्थ हैं, जो कि नियमानुसार अतिशेष की श्रेणी में है। लेकिन विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव ने अपनी पत्नी कुमुदनी साव को अतिशेष से मुक्त रखने के उद्देश्य से युक्तियुक्तकरण के लिए तैयार की गई परिशिष्ट-2 की जानकारी में कुमुदनी साव को उच्च वर्ग शिक्षक (गणित) बता दिया। इस तरह उन्हें अतिशेष की सूची से मुक्त कर दिया गया।

संभाग आयुक्त ने कहा है कि इस प्रकार विकासखंड शिक्षा अधिकारी के जिम्मेदार पद पर रहते हुए अपनी पत्नी को अतिशेष से मुक्त रखने के लिए कुटरचना की गई। यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम 3 के प्रतिकूल है। इसे कर्त्तव्य निर्वहन में गंभीर लापरवाही और कदाचार मानते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकृत, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में साव का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग निर्धारित किया गया है। साथ ही इस अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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