दुर्ग के बीआईटी कॉलेज में सिविल डिफेंस प्रशिक्षण कार्यक्रम, युद्ध और आपातकालीन स्थितियों की दी गई जानकारी !

दुर्ग: सिविल डिफेंस जनजागृति प्रशिक्षण का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों, प्राकृतिक आपदाओं और अग्निकांड जैसी घटनाओं के प्रति सतर्क, जागरूक और तत्पर बनाना था. एसडीआरएफ और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया.
सिविल डिफेंस को लेकर जागरूकता: दुर्ग के बीआईटी कॉलेज में हुए प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने नागरिक सुरक्षा, सिविल डिफेंस की भूमिका, प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा उपाय, हवाई हमलों के समय की रणनीति, ब्लैकआउट की प्रक्रिया, अग्निशमन के तरीके और बाढ़ जैसी आपदाओं में राहत और बचाव के तरीकों की जानकारी दी. प्रतिभागियों को इन विषयों पर व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया, जिससे आपदा की स्थिति में सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित हो सके.
सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम: डिवीजनल कमांडेंट एसडीआरएफ अनिमा कुजूर ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ऐसे प्रशिक्षण जरुरी हैं, जो आम नागरिकों को न केवल तकनीकी दक्षता प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से भी सजग और उत्तरदायी नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं. यह कार्यक्रम नागरिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता का सफल उदाहरण रहा.

एक दिवसीय सिविल डिफेंस जनजागृति प्रशिक्षण
हमारा उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा सिविल डिफेंस वॉलिंटियर बनाएं ताकि आपदा की स्थिति में और नागरिकों की सुरक्षा में योगदान दे सकें-अनिमा कुजूर, डिवीजनल कमांडेंट, एसडीआरएफ
आपातकालीन स्थिति से बचने के बताए उपाय: वहीं जिला सेनानी होमागार्ड नागेंद्र सिंह ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में लोगों को क्या करना है, उसके बारे में जानकारी दी गई. कार्यक्रम के दौरान एक मॉकड्रिल भी हुई, जिसमें आपातकालीन स्थिति में तुरंत रिस्पांस का अभ्यास कराया गया. छात्रों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, नेहरू युवा केंद्र के सदस्य, भूतपूर्व सैनिकों और आम नागरिकों सहित लगभग 400 प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया.

नागरिक सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम