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दुर्ग में बीजेपी ने आयोजित किया विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस : मंत्री ओपी चौधरी बोले विभाजन की विभीषिका का दंश जिन्होंने झेला है उनसे पूछे उसका दर्द ।

 

विभाजन की विभीषिका का इतिहास हम सबको जानना आवश्यक – जितेंद्र वर्मा

जब धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ फिर भी कुछ लोग क्यों कहते हैं कि हमें बोलने की आजादी नहीं – ललित चंद्राकर

विभाजन के समय का दर्द बयान नहीं किया जा सकता – गजेंद्र यादव

दुर्ग – देश भर में भारतीय जनता पार्टी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस माना रही है।इसी कड़ी में आज दुर्ग के साइंस कॉलेज ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, ईश्वर साहू, जिला महामंत्री सुरेंद्र कौशिक, साइंस कॉलेज प्राचार्य सिद्दीकी सर गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य डीके अग्रवाल उपस्थित रहे। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित नेताओं के द्वारा विभाजन के समय के दर्द को विस्तारपूर्वक बताया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम एवं सर्व भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया कही जाती है। सर्व भवन्तु सुखिन: के भाव में अलग-अलग जाति, धर्म, देश के लोग ही समाहित नही है बल्कि इसमें मनुष्य के साथ-साथ पशु, पेड़-पौधे, चेतन के अलावा जड़ भी समाहित है। निर्जीव, पर्वत, नदी, पत्थर सभी समाहित है। इतनी बड़ी परिकल्पना केवल भारतीय संस्कृति में की जा सकती है। भारत की एकता और अखण्डता को एक राष्ट्र के रूप में निर्मित बनाए रखने के लिए जरूरी है कि राष्ट्र विरोधी ताकतो को कम किया जाए। किसी शब्द की उत्पत्ति उसकी संस्कृति और जीवन के आधार पर होती है। जब देश रहेगा तो हमारा भविष्य रहेगा जब देश नही रहेगा तो हम सभी का भविष्य नही रहेगा। देश प्रगति करेगा तो उसका लाभ हम सबको मिलता है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आए। जब आप अपने आप को मजबूत बनाएंगे तभी आप राष्ट्र को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा भारत में जितना गड़बड़ झाला हुआ है जितनी समस्याएं पैदा हुई वह धर्म और अंग्रेज़ी के शब्द रिलीजन को एक करने के कारण पैदा हुई। 1947 में विभाजन के समय सत्ता कब्जा किए लोगों ने धर्म के आधार पर देश को दो टुकड़े में बांट दिया, उसके दर्द को आप बात नहीं सकते। विभाजन से प्रभावित लोगों को अपनी दुकानदारी, व्यवसाय, घर परिवार, धन दौलत, सब छोड़कर आना पड़ा, कई अपने परिवारजनों से बिछड़ना पड़ा। 1905 में बंगाल के विभाजन की बात हुई लेकिन लोगों ने इतना पुरजोर विरोध किया कि अंग्रेजों को 1911 में अपना निर्णय वापस लेना पड़ा पर दुर्भाग्य से हमारे देश में 1947 में धर्म के आधार पर देश का विभाजन हो गया। विभाजन के समय कई महिलाओं को अपहरण कर उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गई। मैं इतना ही कहूंगा कि आप सभी दर्द को समझे और इसका इतिहास जानने का प्रयास करें। इस दौरान उन्होंने साईंस कॉलेज में ऑडिटोरियम बनवाने का आश्वासन दिया।

जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा कि विभाजन के इतिहास को हम सबको जानना बहुत आवश्यक है ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि देश के विभाजन के समय दो करोड़ लोग प्रभावित हुए थे न जाने कितनों को अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा और साथ ही साथ माताएं और बहनों को बलात्कार और तरह-तरह की यातना को भी झेलना पड़ा। हम सभी इस विभाजन के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मना रहे हैं।

जिला महामंत्री और विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि विभाजन के दर्द को जिन्होंने झेला है, हम उनसे ही पूछेंगे तो पता चलेगा कि वह दर्द क्या था जब धर्म के आधार पर हमारा देश अलग हुआ था तो उस समय कुछ लोग जो देश में यह कहते फिर रहे हैं हमारे देश में बोलने की आजादी नहीं तो मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि आज जिस निर्भयता के साथ ये बोल रहे हैं, उससे पता चलता है कि कितना सुरक्षित देश भारत है, क्योंकि अन्य देशों में उन्हें बोलने की आजादी तक नहीं।

दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव ने कहा कि विभाजन के समय के दर्द को मन में याद करने से मन में सिहरन पैदा हो जाती है। हर आदमी इस दर्द को नहीं समझ सकता जिन्होंने इसे झेला है और देखा है विभाजन के समय लोगों को ढूंढ ढूंढ कर मरा जा रहा था। जहां देखो वहां कत्लेआम का नजारा था।

आयोजित कार्यक्रम में सिख समाज के डॉ. साहब सिंह एवं सिंधी समाज से चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री चंद लेखवानी ने भी संबोधित किया। आयोजित बैठक का संचालन जिला महामंत्री सुरेंद्र कौशिक ने किया एवं आभार कार्यक्रम के प्रभारी साजन जोसेफ ने किया।

आयोजित कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री रमशिला साहू, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला उपाध्यक्ष राजेन्द्र पाध्ये, दिलीप साहू, विनायक नातू, अरविंदर खुराना, अलका बाघमार, आशीष निंमजे, दीपक चोपड़ा, नीलेश अग्रवाल, मनोज सोनी, अनूप सोनी, दिनेश देवांगन, राजा महोबिया, रजनीश श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह राजपूत, अजय तिवारी, जीत हेमचंद यादव, दिव्या कलिहारी, संतोष सोनी, नरेश तेजवानी, चंद्र प्रकाश मांडले, विनायक ताम्रकार, मीना सिंह, जय श्री राजपूत, शिवेंद्र परिहार, अनूप गटागट, अशोक कंडरा, उपस्थित रहे।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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