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अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस पर होंगे विभिन्न कार्यक्रम , जानिए सम्पूर्ण जानकारी

 

दुर्ग 24 मई 2023/ कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी धुम्रपान से होने वाले दुष्परिणाम के प्रति समाज में जन चेतना विकसित करने हेतु 31 मई को अन्तर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जिससे जन सामान्य में धुम्रपान के विरूद्ध सकारात्मक वातावरण निर्मित हो सके। तम्बाकू या तम्बाकू युक्त निर्मित विभिन्न उत्पादों के सेवन से सभी वर्गों में गंभीर व्याधियां परिलक्षित हो रही है, जो सभी के लिए चिंता का विषय है। समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रवृत्ति के विरूद्ध व्यापक जन चेतना विकसित करने हेतु जन सहयोग से नशापान के दुष्परिणामों का प्रचार करने हेतु 31 मई को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसमें तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर चर्चा एवं दुष्प्रभावों की जानकारी समुदाय में प्रचारित करना, सोशल मीडिया में नशापान के दुष्प्रभावों का प्रचार, नशामुक्ति हेतु विभिन्न प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नशामुक्ति साहित्य का वितरण, नशामुक्ति प्रदर्शनी का आयोजन, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रेरक नाटक, गीत परिचर्चा एवं यथा संभव योगाचार्यों के मार्गदर्शन में योगाभ्यास का प्रदर्शन तथा इससे होने वाले लाभ पर व्याख्या इत्यादि का आयोजन किया जाएगा।

तंबाकू से जुड़े कुछ तथ्य –
1. विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया के करीब 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है।
2.  दुनियाभर में हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं।
3. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 80 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ देशों में महिलाओं में धूम्रपान करने की आदत काफी बढ़ी है।
4. दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों का करीब 10 फीसदी भारत में है, रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 25 हजार लोग गुटखा, बीडी, सिगरेट, हुक्का आदि के जरिये तंबाकू का सेवन करते हैं।

5.  भारत में 10 अरब सिगरेट और 72 करोड़ 50 लाख किलो तंबाकू का उत्पादन होता है।

6.  भारत तंबाकू निर्यात के मामले में ब्राजील, चीन, अमेरिका, मलावी और इटली के बाद छठे नंबर पर है।
7.  विकासशील देशों में हर साल 8 हजार बच्चों की मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है।
8.  दुनिया के किसी अन्य देश के मुक़ाबले में भारत में तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।
9.  किसी भी प्रकार का धूम्रपान 90 प्रतिशत से अधिक फेफड़े के कैंसर, ब्रेन हेमरेज और पक्षाघात का प्रमुख कारण है।
10.  सिगरेट व तंबाकू –  मुंह , मेरूदंड, कंठ और मूत्राशय के कैंसर के रूप में प्रभावी होता है ।
11.  सिगरेट व तंबाकू में मौजूद कैंसरजन्य पदार्थ शरीर की कोशिकाओं के विकास को रोककर उनके नष्ट होने और कैंसर के बनने में मदद करता है।
12.  लंबे समय तक धूम्रपान करने से मुंह, गर्भाशय, गुर्दे और पाचक ग्रंथि में कैंसर होने की अत्यधिक संभावना होती है।
13.  धूम्रपान का सेवन और न चाहते हुए भी उसके धुंए का सामना, हृदय और मस्तिष्क की बीमारियों का मुख्य कारण है।
14.  धूम्रपान के धूएं में मौजूद निकोटीन, कार्बन मोनो आक्साइड जैसे पदार्थ हृदय, ग्रंथियों और धमनियों से संबंधित रोगों के कारण हैं।
भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है, इसके बावजूद लचर कानून व्यवस्था के चलते इस पर अमल नहीं हो पाता। भारत में आर्थिक मामलों की संसदीय समिति पहले ही राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मंज़ूरी दे चुकी है। इसका मक़सद तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाना है।

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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