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भारत के सबसे बड़े पर्व शारदीय नवरात्रि आज से, जाने पहले दिन मां के किस रूप की होती है पूजा…

कोरोना के कारण पूर्णबंदी और उत्सवों पर लगी रोक हटने के बाद यह पहला मौका होगा जब दुर्गा पूजा और नवरात्रि धूमधाम से मनाया जाएगा. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पर्व त्यौहार फीका पड़ गया था। लोग उत्साह से पर्व नहीं मना पा रहे थे। लेकिन अब कोरोना लगभग खत्म होने के बाद इस वर्ष बड़ी धूमधाम से नवरात्रि का पहला दिन मनाया जा रहा है। लोग सुबह से ही मंदिरों में जा रहे है। पहले दिन शहर भर के दुर्गा मंदिरों में सुबह से पूजा-अर्चना की जा रही है। देवी मां के मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है। भक्त मां दुर्गा के जयकारे लगा रहे हैं। नौ दिन माता रानी के नौ रूपों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है।

 

इसी कड़ी में दुर्ग स्थित प्राचीन चंडी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतार उनकी आस्था को दर्शा रहा है, नवरात्र के पूरे 9 दिन शहर भर में उत्साह का और भक्ति का माहौल रहता है . आपको बताते चलें नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है। इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम: मंत्र जपना चाहिए। इसके प्रभाव से माता जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं.

 

 

शारदीय नवरात्रि की 26 सितंबर 2022, सोमवार से शुरूआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना व पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नवरात्रि के पूरे नौ दिनों का उपवास भी करते हैं। जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, शुभ रंग व भोग-

 

 

 

मां शैलपुत्री पूजा विधि-

 

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण माता रानी को शैलपुत्री कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने से मान-सम्मान में वृद्धि व उत्तम सेहत प्राप्त होती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र अतिप्रिय हैं। ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा को सफेद वस्त्र या सफेद पुष्प अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही सफेद बर्फी या मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है।

 

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-

 

ब्रह्म मुहूर्त- 04:36 ए एम से 05:23 ए एम।

अभिजित मुहूर्त- 11:48 ए एम से 12:36 पी एम।

विजय मुहूर्त- 02:13 पी एम से 03:01 पी एम।

गोधूलि मुहूर्त- 06:01 पी एम से 06:25 पी एम।

 

मां शैलपुत्री मंत्र-

 

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

 

 

 

मां शैलपुत्री भोग-

 

मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं।

 

नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग-

 

नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की अराधना का दिन होता है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग लाल है।

The Samachaar

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