पहली बारिश में डूबी दिल्ली: कई VVIP इलाके में घुसा पानी, नाले से लेकर अंडरपास तक सब प्रभावित, जानें राजधानी का पूरा हाल ! पढ़े खबर
दिल्ली में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन गई है। सड़कों पर कई फुट पानी जमा होने के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं। चलिए बताते हैं दिल्ली एनसीआर का पूरा हाल।
नई दिल्ली – दिल्ली वालों को खतरनाक हीटवेव से तो राहत मिल गई है, लेकिन अब मूसलाधार बारिश ने संकट बढ़ा दी है। करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली के लोग गर्मी से त्राहि-त्राहि कर रहे थे और पानी के लिए तरस रहे थे, लेकिन अब दिल्ली में जोरदार बारिश से जलभराव जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। जोरदार बारिश के कारण कई वीवीआईपी इलाके में भी पानी घुस गया है। वहीं, कहीं-कहीं सड़कों पर कमर तक पानी भर गया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। ऐसे में ट्रैफिक जाम लगना तो लाजमी है। इसको लेकर सियासत भी चरम पर है। आम आदमी पार्टी इस जलभराव के लिए बीजेपी को दोषी बता रही है, वहीं भाजपा वाले केजरीवाल सरकार को दोषी बता रहे हैं। चलिए आपको दिल्ली एनसीआर का पूरा हाल बताते हैं।
दिल्ली में हुई मानसून की एंट्री
18 जून से ही दिल्ली में बारिश ने दस्तक दे दी थी। मौसम विभाग ने इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी कि 22 जून तक बारिश का साया देखने को मिलेगा, लेकिन फिर हीटवेव की एंट्री होगी और लोग गर्मी से परेशान होंगे। लेकिन एक बार प्री मानसून बारिश शुरू हुआ, तो खत्म होने का नाम ही नहीं लिया। 18 जून के बाद से करीब हर दिन दिल्ली एनसीआर में कहीं न कहीं रिमझिम बारिश होती रही। पिछले 2-3 दिनों में रिमझिम बारिश ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इससे दिल्ली में कई जगह जल भराव जैसी स्थिति बन गई है। दिल्ली में शुक्रवार यानी 28 जून की सुबह ही मानसून की एंट्री हो गई है, ऐसे में फिलहाल तो दिल्लीवासियों को जलभराव से राहत मिलती नहीं दिख रही है।
88 साल बाद जून में 228 mm बारिश
बता दें कि जून महीने में आमतौर पर दिल्ली में जितनी बारिश होती है, इस बार उससे कहीं अधिक बारिश हो रही है। मौसम विभाग की मानें तो पूरे 88 साल बाद दिल्ली में जून के महीने में 228 mm बारिश हुई है। इसके कारण कई जगह सड़कों पर 4-5 फीट पानी भर गया है, जिससे कई वाहन डूबने लगे हैं। ट्रैफिक जाम की समस्या आम हो गई है। जलभराव के कारण द्वारका के सेक्टर 25 मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए हैं।
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की छत गिरी
भारी बारिश के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का छत गिर गया है। इस स्थान पर पिकअप-ड्रॉप एरिया की छत और सपोर्टिंग पिलर गिर गई है, जिससे बड़ा हादसा हो गया है। छत गिरने से इसके नीचे एक कार दब गई। इस हादसे में एक लोग की मौत हो गई है, जबकि 8 लोग घायल हो गए हैं। इसका मेंटेनेंस कार्य शुरू हो गया है। दिल्ली के आजाद नगर अंडरपास में भी पानी भर गया है, यहां फंसे लोगों को रस्सी से बांधकर निकाला जा रहा है। मयूर विहार में भी कल से ही बारिश हो रही थी, आज सुबह बारिश तो रुक गई, लेकिन यहां घंटों तक जाम लगा रहा।
आतिशी के आवास के बाहर जलभराव
दिल्ली के मिंटो रोड पर अंडर ब्रिज में एक ट्रक फंस गया। यहां पहले से ही पानी भरा हुआ था, ट्रक यहां से निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बीच में ही फंस गया। ट्रक में फंसे दो लोगों ने बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। नोएडा सेक्टर 62 में भी सड़कों पर भारी जलभराव देखने को मिल रहा है। इसके अलावा गुरुग्राम के गोल्फ कोर्स रोड पर भी बारिश रुकने के बाद तक पानी भरा हुआ है। यहां तक की कई वीवीआईपी इलाके में भी जलभराव की समस्या देखने को मिल रही है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी के आवास के बाहर भी जलभराव है।
भारी बारिश से पावर कट की समस्या
दिल्ली में जलभराव के कारण कई इलाकों की बिजली भी काट ली गई है। बिजली कंपनियों ने कहा कि जलभराव के कारण तकनीकी खराबी हुई है, जिसके कारण बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह भारी बारिश के कारण द्वारका, जंगपुरा और लक्ष्मी नगर के इलाकों में बिजली ठप रही। जलभराव के कारण कई मार्ग बाधित हो गए हैं, जिसके कारण ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली के लिए एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जलभराव वाले रास्ते से बचा जा सके। वहीं, दिल्ली एलजी ने भी जलभराव को देखते हुए आपातकाल बैठक बुलाई है, ताकि स्थिति से निपटने की तैयारी की जा सके।
जलभराव के लिए कौन जिम्मेदार
दिल्ली में जलभराव के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। सोचने वाली बात है कि अभी दिल्ली में मानसून की बारिश हुई भी नहीं है। प्री मानसून बारिश में ही दिल्ली का हाल बदहाल हो गया है, ऐसे में जब माानसून की बारिश होगी, तो दिल्ली की क्या हालत होगी। विपक्ष द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि इसके लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। अगर दिल्ली सरकार बारिश के लिए पहले से तैयार रहती, तो आज दिल्ली में जलभराव की स्थिति देखने को नहीं मिलती। दिल्ली के नाले पहले से भरे हुए थे, बारिश के पहले नाले की सफाई नहीं करवाई गई, जिसके कारण अब बारिश आने के बाद पानी निकल नहीं पा रहा है और जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है।