कोरिया- कोरिया में तीसरे चरण के लिए मतदान जारी है. कोरिया जिले में भी मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. सोनहत जनपद पंचायत के दूरस्थ मतदान केंद्रों में भी बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने के लिए पहुंचे हैं. सोनहत जनपद के अंतर्गत ग्राम बड़वार- पहाड़पारा, मतदान केंद्र 192 में मतदान करने पहुंचे 70 वर्षीय कैलाशो बाई और 73 वर्षीय किशुन राजवाड़े ने भी मतदान में हिस्सा लिया.
हमने अपना काम किया,आप भी करें मतदान:
दोनों ही बुजुर्गों ने वोट डालने के बाद कहा कि उन्होंने अपना काम कर दिया है.दोनों बुजुर्ग मतदाताओं ने दूसरे लोगों से भी वोटिंग की अपील की है.आपको बता दें कि इस मतदान केंद्र में 230 महिला मतदाता है. जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 220 है. मतदान केंद्र में मतदाताओं के लिए छांव, ठंडा पानी, कूलर, ओआरएस की घोल की समुचित व्यवस्था की गई है. साथ ही आराम करने के लिए विश्राम कक्ष भी बनाया गया है ताकि गर्मी व धूप से राहत मिल सके.
कलेक्टर ने पत्नी संग डाला वोट:
कोरिया कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार लंगेह ने अपनी पत्नी डॉक्टर एकता लंगेह ने भी मतदान किया.दोनों ने बैकुंठपुर के ओड़गी मतदान केंद्र 131 में पहुंचकर मतदान किया. इस दौरान सभी से वोट डालने की अपील की और सेल्फी भी ली.वहीं कोरिया विकासखंड के ग्राम अमरपुर निवासी राजकुमार मुंबई में काम करते हैं. राजकुमार ने मतदान के प्रति जागरूकता और ललक दिखाई है. जो दूसरे के लिए प्रेरणा है. राजकुमार ने अमरपुर के मतदान केंद्र पहुंच कर मतदान किया.
स्काउट छात्रों ने दिव्यांगों की मदद की:
कोरिया जिले के दूरस्थ मतदान केंद्रों में भी बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने के लिए पहुंचे हैं. सोनहत जनपद के अंतर्गत मतदान केंद्र 203 कछार में दिव्यांग मतदाताओं को स्काउट के छात्रों ने व्हील चेयर में बैठाकर मतदान केंद्र तक पहुंचाया. स्काउट के छात्रों ने बड़ी मिसाल पेश की है.
धुमाडांड में मतदान का बहिष्कार :
वहीं जिले के सोनहत तहसील के ग्राम पंचायत चकडंड के आश्रित ग्राम धुमाडांड के ग्रामीणों ने जर्जर सड़क को लेकर मतदान नहीं करने का फैसला किया. विधानसभा चुनाव के समय भी यही स्थिति बनीं थी.लेकिन प्रशासन ने ग्रामीणों को मना लिया था.लेकिन अब लोकसभा चुनाव में 80 फीसदी आबादी ने मतदान नहीं करने का फैसला किया है. 12 बजे तक मात्र 11 लोगों ने मतदान किया था. सोनहत तहसील के ग्राम पंचायत चकडंड के आश्रित ग्राम धुमाडांड के ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव तक पहुंचने की सड़क नहीं है, यदि कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे खटिया मे उठाकर ले जाना पड़ता है. आवागमन सही नहीं होने के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
सड़क नहीं तो वोट नहीं :
ग्रामीणों की माने तो कई बार नेताओं से लेकर अधिकारियों को उनकी समस्या से अवगत कराया. लेकिन सिर्फ ग्रामीणों को आश्वासन मिला.इसलिए अब वोटिंग के समय ग्रामीण प्रशासन को एक बार फिर उनका वादा याद दिला रहे हैं. गांव के मतदान केन्द्र सोनहत तहसील के ग्राम पंचायत चकडंड के आश्रित ग्राम धुमाडांड में कुल 195 वोटर है.मतदान केन्द्र के आसपास गर्मी को देखते हुए प्रशासन ने हर तरह की व्यवस्था कर रखी है.वहीं मतदान केंद्र के अफसर की माने तो किसी भी तरह का बहिष्कार नहीं हो रहा है।