छत्तीसगढ़दुर्ग

मोटे अनाज से बने स्वादिष्ट व्यंजनों से आत्मनिर्भर बनी महिलाएं

*मोटे अनाज (मिलेट्स) से बने व्यंजनों की मोबाइल फूड वैन का हुआ शुभारंभ

*- जिला पंचायत परिसर में सत्यम् महिला स्व-सहायता समूह कर रही संचालन

दुर्ग – दुर्ग जिले की महिलाओं ने एक नई पहल की है। आज जिला पंचायत परिसर दुर्ग में सत्यम् महिला स्व-सहायता समूह द्वारा मोटे अनाज (मिलेट्स) से बने व्यंजनों की मोबाइल फूड वैन की शुरुआत की गई। इस नवाचार पहल का शुभारंभ जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी बजरंग कुमार दुबे एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष कुलेश्वरी देवांगन ने फीता काटकर किया। सीईओ दुबे ने कहा कि मोटे अनाज जिसे अब “श्री अन्न” के रूप में जाना जाता है, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। यह पोषक तत्वों से भरपूर, ग्लूटन-फ्री तथा औषधीय गुणों से युक्त होेते हैं। यह पहल भारत सरकार द्वारा घोषित मोटे अनाज वर्ष के उद्देश्यों के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस फूड वैन को ग्राम बोड़ेगांव निवासी और स्व-सहायता समूह की सदस्य भारती टंडन संचालित कर रही हैं। वे 2018 से बिहान योजना से जुड़ी हैं और पहले भी मुरकु पापड़, मसाले और जैविक खाद का निर्माण कर 2-3 लाख रुपये सालाना कमाती थीं। अब वे मोटे अनाज आधारित उत्पादों से 3-4 लाख रुपये वार्षिक कमाकर “लखपति दीदी” योजना की मिसाल बन चुकी हैं।

फूड वैन में छत्तीसगढ़ी स्वाद को ध्यान में रखते हुए मिर्ची भजिया, आलू गुड़ा, डोसा, मुटिया, अनरसा, खुर्मी, बरा, कोदो की खिचड़ी, इडली, पकोड़ा, और रागी-बाजरा लड्डू जैसे कई पारंपरिक एवं पौष्टिक व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इस कार्य में स्व-सहायता समूह की कुल 11 महिलाएँ – सीमा बाई, नंदकुमारी, शेष बाई, अंजू, वर्षा, अंतु, द्रौपदी, चित्ररेखा, ज्योति, निर्मला और प्रमिला बंजारे मिलकर कार्य कर रही हैं और अपने उत्पादों से आमदनी अर्जित कर रही हैं।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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