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बिटकॉइन मामले पर सियासत, BJP के आरोपों पर भूपेश बघेल ने किया पलटवार, कहा- करेंगे मानहानि का केस।

बिटकॉइन मामले में ईडी की कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमा गई है.

इसे लेकर बीजेपी ने पूर्व CM भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचारियों के साथ रहने खड़े रहने का बड़ा आरोप लगाया है।

जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रेस कांफ्रेंस कर पलटवार किया, उन्होंने मानहानि का केस करने की बात कही है.

रायपुर – बिटकॉइन मामले में ईडी की कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमा गई है. इसे लेकर बीजेपी ने पूर्व CM भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचारियों के साथ रहने खड़े रहने का बड़ा आरोप लगाया है, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रेस कांफ्रेंस कर पलटवार किया, उन्होंने मानहानि का केस करने की बात कही है.

मैं मानहानि का केस करूंगा – भूपेश बघेल

बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बिटकॉइन मामले में आरोपी गौरव मेहता का संबंध पूर्व सीएम भूपेश बघेल से होने का लगाया था, जिसके बाद भूपेश बघेल ने कहा कि मैं मानहानि का केस करूँगा. बिटकॉइन अंतर्राष्ट्रीय मामला है, कहां से चलता है ये बिटकॉइन. केंद्र की सरकार क्या कर रही है, अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई?

बता दें कि भाजपा के महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हर अपराध में जुड़ाव क्यो पाया जाता है, क्या भ्रष्ट्राचार में पीएचडी ली है. बिटकॉइन मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल को जवाब देना चाहिए. शराब,कोल अधिकारियों के मामले में भ्रष्ट्राचारियों के साथ खड़ा क्यों होते है?

नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती सरकार

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार समय पर नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है. संविधान के अनुसार 5 वर्ष से पूर्व चुनाव कराना जरूरी है. राज्य सरकार ने संविधान के विपरीत अधिसूचना जारी की है. सरकार ने 6 माह बाद चुनाव के लिए प्रावधान किया है. इससे स्पष्ट है सरकार निकाय चुनाव को टालना चाहती है. राज्य सरकार ने संविधान से विपरीत अध्यादेश जारी किया है.

धान खरीदी को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा

धान खरीदी को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा, उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टरों को आदेश है कि अनावरी को कम बताया जाए. राज्य सरकार किसानों को ठगने का काम कर रही है. छोटे किसानों को धान खरीदी की नीति में नुकसान हो रहा है. बायोमेट्रिक व्यवस्था से भी धान खरीदी में परेशानी हो रही है. बड़े और छोटे किसानों को टोकन देने में देरी की जा रही है. कई जगह बारदाने की कमी है, 72 घंटे में भुगतान नहीं हो रहा है. धान संग्रहण केंद्रों में धान जाम हो रहा है. सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती. सरकार धान लेना चाहती है तो अनावरी रिपोर्ट की अनिवार्यता क्यों है?

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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