मध्यप्रदेश- शिवपुरी के जिला अस्पताल में मरीज की शिफ्टिंग के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर के नोजल से लगा पाइप फट गया। इससे तेज आवाज आई। ऑक्सीजन न मिलने के चलते मरीज की मौत हो गई। वहीं, आवाज से डरे परिजन दूसरे मरीजों को लेकर वार्ड से निकलकर अस्पताल के बाहर परिसर में खड़े हो गए।
बताया जा रहा है कि जवाहर कॉलोनी के रहने वाले रफीक खान उम्र 45 साल को घबराहट होने पर मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिनभर अस्पताल की पहली मंजिल पर बने आईसीयू में रखा गया। रात 8 बजे ग्वालियर रेफर करने की तैयारी की जा रही थी।
रफीक को वार्ड बॉय ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ व्हील चेयर पर आईसीयू से ट्रॉमा सेंटर ले जा रहा था। रैंप से गुजरते वक्त हादसा हुआ। पाइप फटने की आवाज से घबराए परिजन और मरीज करीब आधे घंटे तक परिसर में खड़े रहे। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें हादसे के बारे में समझाया। कहा कि कोई परेशानी वाली बात नहीं है। इसके बाद ही वे वार्ड में जाने को राजी हुए।
एक मरीज के अटेंडर अशोक कुमार शाक्य ने कहा, ‘धमाके की आवाज आने के बाद अस्पताल में भगदड़ मच गई। लोग डरे हुए थे।’ दिलीप शाक्य ने बताया कि वह जिला अस्पताल में भर्ती मोहन सिंह ठेकेदार को देखने पहुंचे ही थे कि लोग वार्ड से बाहर आने लगे।
पिछोर निवासी राकेश परिहार ने कहा, ‘वार्ड में धमाके की आवाज सुनकर नर्सिंग स्टाफ ने हमें बाहर जाने के लिए कहा।’ उजाय गांव से अस्पताल आए रामजीलाल ने बताया कि वे पहली मंजिल पर बैठे हुए थे। तभी रैंप पर तेज धमाके की आवाज हुई। इसके बाद अटेंडर मरीजों को लेकर बाहर आने लगे।
रफीक खान के भतीजे आरिफ खान ने बताया, ‘चाचा को घबराहट की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें आईसीयू से ऑक्सीजन सपोर्ट पर व्हील चेयर पर बैठाकर ट्रॉमा सेंटर ले जा रहे थे। इसी दौरान वार्ड बॉय ने ऑक्सीजन सिलेंडर से छेड़छाड़ की। इसके बाद तेज धमाका हुआ। ऑक्सीजन सिलेंडर का मीटर और नोजल उछलकर गिर गए। ऑक्सीजन न मिलने के चलते चाचा की मौत हो गई।’
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव ने कहा, ‘रफीक ग्वालियर से आकर जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसका हीमोग्लोबिन 3 ग्राम रह गया था। ब्लड ग्रुप AB निगेटिव था। दो यूनिट ब्लड बैंक से उपलब्ध कराए गए थे। मरीज की किडनी भी फेल थी। इसी के चलते उसे वापस ग्वालियर रेफर करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी। इसी दौरान आक्सीजन सिलेंडर में लगा सिलिकॉन पाइप निकल गया। पेशेंट कुछ देर सर्वाइव नहीं कर सका, इसके चलते उसकी मौत हो गई।