छत्तीसगढ़दुर्ग

विधायक ललित चन्द्राकर ने दिया 15 दिन का मोहलत, नही तो कंपनी में तालाबंदी..

दुर्ग- समीपस्थ औद्योगिक ग्राम रसगड़ा के सुविधी इस्पात संयत्र के मेन गेट के सामने धरनारत ग्रामीणों के बीच पहुंच कर दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चन्द्राकर ने ग्रामीणों, पर्यावरण, प्रदूषण, नियंत्रण विभाग जिला प्रशासन, उद्योग प्रशासन, एवं कपनी प्रबंधन के बीच आपसी समझौता कराया।

जिसमें दिनांक 18 जुलाई 2024 गुरुवार से 15 दिवस के भीतर हर हाल में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र का सिस्टमेटिक उपयोग करते हुए प्रदूषण को हर हाल में नियंत्रित की जावे, नही की स्थिति में पर्यावरण प्रदूषण विभाग एवं जिला प्रशासन अधिकारी ग्रामीणों के उपस्थिति में ताला बंदी कर दी जावेगी। इस पर पाल्यूशन विभाग के उपस्थित अधिकारी ने स्वयं संयत्र स्थल पहुंच कर संयत्र बंद कर देने की बात ग्रामीणों एवं विधायक चन्द्राकर को आश्वस्त किया।

धरना स्थल से ही विधायक चन्द्राकर ने सीएसआई डीसी के महाप्रबंधक सिमोन इक्का एवं सहायक श्रमायुक्त दुर्ग जिला संजय सिंह को दुरभाष से निर्देशित किया कि यहां संचालित उद्योगो में कितने टेक्निकल, कितने नॉन टिक्निकल, कितने अस्थाई स्थाई एवं कितने स्थानीय एवं बाहरी श्रमिक हैं जिसकी विधिवत सूची मुझे जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जावे ताकि स्थानीय रसमड़ा वासियों को रोजगार में प्राथमिकी सुनिश्चित की जा सके। रसमड़ा सहित पास के लगे गांवो में भी सीएसआर.मद से शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा, स्वच्छता एवं सघन वृक्षारोपण (हरियाली) जैसे बुनियादी जरूरतो पर उद्योग मालिक सतत काम करे।

इघर रसमड़ा के पूर्व सरपंच रामखिलावन यादव ने बताया है कि छ. ग. शासन से अधिसूचना जारी कर श्रम विभाग ने जिले के बड़े उद्योगो को पत्र भेजा है जिसमें जिले की फैक्ट्रीयों मे सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती, कार्यरत श्रमिक संख्या के आधार पर किया जाना है। जिसमें रसगड़ा औद्योगिक क्षेत्र के रायपुर पावर एण्ड स्टील लि. में कार्यरत श्रमिको की संख्या 1300 बताई गई है जिसमें रसमड़ा के कार्यरत महिला व पुरुष श्रमिको की संख्या अधिकतम 50 था।

जिसमें 25 की हाल ही में छटनी कर दी गई है एवं 25 लोग ही वर्तमान में कार्यरत है इसी से यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि 1300 कार्यरत श्रमिको में मात्र गांव से 25 लोगो को ही रोजगार मिल रहा है। ऐसे में इस कंपनी को बंद ही कर देना चाहिए। यही हाल है टापवर्थ स्टील प्रा.लि. का है जिसमें कार्यरत श्रमिको की संख्या छ.ग. शासन श्रम विभाग के रिकार्ड में 1400 है। लेकिन यहां स्थानीय से 25-30 से ज्यादा कार्यरत श्रमिक रसमड़ा निवासी नहीं है। इसी तरह अगर और भी मध्यम एवम वृहद श्रेणी के उद्योग जय बालाजी इण्डस्ट्रीज, सुविधि इस्पात प्रा.लि., क्रेस्ट स्टील प्रा.लि. सोना ब्रेवरेंज (बीयर) प्रा. लि., जय श्री साल्वेक्स एवं श्रीराम इण्डस्ट्रीज प्रा.लि. जैसे वृहद एवं मध्य श्रेणी के श्रमिकों को रेसियों मे जोड़ा जाय तो 8 से 10 हजार यहां कुल श्रमिको से सेवा ली जा रही है। लेकिन रसमड़ा के सैकड़ो किसानों ने हजारो एकड़ प्राइवेट लेंड एवम हजारो एकड़ गोवरमेन्ट लेड उद्योग लगाने दिये है और 8-10 हजार के कार्यरत श्रमिको में गांव से दो चार सौ लोगो को भी काम पर नहीं लिया जा रहा है। यहां किसी भी हाल में कंपनी चलनी ही नही चाहिए। पूर्व सरपंच राम खिलावन यादव ने जोर देकर कहा है कि हमने अपने गांव में कंपनी मालिको को पालने के लिए ही कंपनी नही खोल रखी है। आंदोलन स्थल में प्रमुख रूप से एस.डी.एम. मुकेश रावटे, सुविधि इस्पात से सी.ई.ओ. शांतनु मिश्रा, मंडल भाजपा अध्यक्ष गिरेश साहू, जनपद सदसय अजय वैष्णव, सरपंच ममता भागवत साहू, उपसरपंच नंद कुमार साहू, पूर्व सरपंच रामखिलावन यादव, ग्राम समिति अध् यक्ष नंदकुमार निर्मलकर, भाजयुमो नेता चेतन साहू, बालकिशन निषाद, हिरू पारकर भगवानी साहू, छन्नूदास वैष्णव, जयलाल ठाकुर, संतोष निर्मलकर, पंचगण रवि ठाकुर, संजय निषाद, मीना यादव, विशाखा साहू, एवं कांति साहू, सहित अनेको भाजपा कार्यकर्ता श्रमिक एवं ग्रामीण जन शामिल थे।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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