छत्तीसगढ़रायपुर

कस्टम, शराब और महादेव सट्टा केस में ईडी ने मारे रायपुर बिलासपुर में छापे

रायपुर – कस्टम मिलिंग, शराब कोल घोटाला तथा महादेव सट्टा एप को लेकर ईडी की 25 सदस्यीय टीम ने रायपुर, बिलासपुर के चार अलग-अलग कारोबारी समूह के चार ठिकानों पर शुक्रवार को छापे मारे। ईडी ने पूर्व में छापे की कार्रवाई के दौरान मिले इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की है। खबर के मुताबिक शुक्रवार को रायपुर में कई जगह तथा बिलासपुर में क्रांति नगर स्थित मीनाक्षी सेल्स, मंगला चौक तथा महावीर नगर स्थित सुल्तानिया ग्रुप के संचालक के निवास पर पड़ताल की। छापे की कार्रवाई में कारोबारी ग्रुप के यहां लेनदेन, निवेश, प्रापर्टी, कमर्शियल काम्पलेक्स फ्लैट की खरीदी-बिक्री को जांच के दायरे में ईडी ने लिया है। कार्रवाई की जद में आने वाले बिल्डरों और ट्रेडिंग फर्म के संचालकों का पूर्व में शराब, कोल, कस्टम मिलिंग तथा महादेव सट्टा एप से जुड़े आरोपियों के साथ करीबी संबंध होने की ईडी को जानकारी मिली है। इसी जानकारी के आधार पर ईडी की टीम कारोबारी समूह के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई करने पहुंची। तलाशी के दौरान मिले दस्तावेजों, लैपटाप, कम्प्यूटर का बैकअप और इलेक्ट्रानिक डिवाइस को ईडी की टीम ने जब्त किया है। साथ ही बैंक स्टेटमेंट और वित्तीय रिकॉर्ड को जांच के दायरे में लिया है।

पांच साल में कारोबार मे बेतहाशा वृद्धि : जिन कारोबारी समूह के ठिकानों पर ईडी ने जांच की, उन कारोबारी समूह के पांच साल के कारोबार की ईडी ने पहले जानकारी हासिल की। एक बिल्डर द्वारा पिछले पांच वर्षों में राज्य के कई शहरों में दर्जनों नए प्रोजेक्ट शुरू करने की ईडी को जानकारी मिली है। इसके अतिरिक्त सुल्तानिया ग्रुप, मीनाक्षी सेल्स का कोयला, सीमेंट, छड़, स्टील और ट्रेडिंग का कारोबार है। उक्त सभी फर्म के संचालकों ने पिछले 5 साल में अपने कारोबार को कई गुना बढ़ा लिया है। साथ ही उनके द्वारा लग्जरी फ्लैट और कमर्शियल कांप्लेक्स निर्माण का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।

घोटाले की रकम निवेश करने का शक- 

जिन लोगों के ठिकानों पर ईडी ने छापे की कार्रवाई की है, उन कारोबारी समूह के माध्यम से शराब, कोल, कस्टम मिलिंग तथा महादेव सट्टा एप की अवैध कमाई निवेश करने की आशंका पर ईडी ने छापे की कार्रवाई की है। घोटालों से अर्जित आय प्रदेश के कई कारोबारी सेक्टर में निवेश की गई है। इनमें हास्पिटल सेक्टर के साथ अब बिल्डर डेवलपर भी शामिल है। आशंका जताई जा रही है कि घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन और मनी लॉड्रिंग के जरिए निवेश किया गया है।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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