BREAKING : 7 महीने बाद जेल से बाहर आए कांग्रेस MLA देवेन्द्र यादव,बड़ी संख्या में समर्थकों ने किया स्वागत !
10 जून 2024 में बलौदाबाजार में सतनामी समाज के विरोध प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर और एसपी के दफ्तर जला दिए गए थे। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारी का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज कर गिरफ़्तार किया था।इस दौरान कई बार उनकी जमानत याचिका खारिज हुई।

– 7 महीने बाद देवेंद्र यादव जेल से हुए रिहा
– बर्थडे के दूसरे दिन सुप्रीम-कोर्ट से जमानत
– 19 फरवरी को था देवेंद्र का जन्मदिन
– देवेंद्र यादव 17 अगस्त 2024 से जेल में बंद थे
रायपुर – बलौदा बाजार हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर 7 महीने बाद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव रायपुर के सेंट्रल जेल से बाहर आए. इस दौरान रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर यादव के समर्थक उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे हैं. देवेंद्र यादव 17 अगस्त 2024 से जेल में बंद थे.
देवेन्द्र यादव पर भीड़ को उकसाने का आरोप
बलौदाबाजार हिंसा मामले में 17 अगस्त को विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी हुई थी. उन पर लोगों को भड़काने का आरोप है. देवेन्द्र यादव 17 अगस्त से जेल में बंद है. बता दें कि इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए. कलेक्ट्रेट आगजनी मामले में पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी.
10 जून को बलौदाबाजार में हुई थी हिंसा
बता दें कि 15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए. 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था. इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे.
इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई. कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई. प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे. इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया. एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट में देवेंद्र यादव की दलील
सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में देवेंद्र यादव ने तर्क दिया कि वे केवल सभा में शामिल हुए थे, लेकिन मंच पर नहीं गए और न ही कोई भाषण दिया। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि उन्होंने भीड़ को उकसाया। उन्होंने यह भी बताया कि जिस समय हिंसा हुई, उस वक्त वे वहां मौजूद नहीं थे। उनका कार्यक्रम हिंसा के समय से अलग था और उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई, जो घटनास्थल से काफी दूर था। देवेंद्र यादव ने पुलिस की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया और इसे पूरी तरह अनुचित करार दिया।