
गरियाबंद: पिछले कुछ दिनों से गरियाबंद में नक्सली ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. साल 2025 की पहली मुठभेड़ गरियाबंद में ही 3 जनवरी को हुई. सुरक्षाबलों के जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 नक्सलियों को मार गिराया गया. अब 19 जनवरी देर रात से जिले के मैनपुर क्षेत्र के कुल्हाड़ीघाट-भालूडिग्गी पहाड़ी पर मुठभेड़ जारी है. आज मुठभेड़ का चौथा दिन है. छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारियों के देर रात दिए बयान के मुताबिक मुठभेड़ चल रही है. इलाका काफी सघन होने के कारण सर्च ऑपरेशन में काफी समय लग रहा है.
गरियाबंद एनकाउंटर में छत्तीसगढ़ और ओडिशा की ज्वाइंट फोर्स:रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने मंगलवार देर शाम गरियाबंद जिले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गरियाबंद मुठभेड़ की जानकारी दी. आईजी ने बताया- 19 जनवरी की रात से कुल्हाड़ीघाट-भालूडिग्गी पहाड़ी के बीच मुठभेड़ शुरू हुई. ई-30 गरियाबंद, कोबरा-207, सीआरपीएफ-65, 211 बटालियन व एसओजी जिला नुआपाड़ा (ओड़िशा) की ज्वाइंट फोर्स नक्सल ऑपरेशन के लिए भेजी गई थी.
मुठभेड़ में 14 नक्सलियों के शव मिले: मुठभेड़ के दौरान सर्च ऑपरेशन के दौरान 14 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें 6 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं. 15 हथियार मिले हैं. जिनमें इंसास, एसएलआर, 303, रिवॉल्वर, कारतूस, बीजेएल लॉन्चर मिले हैं. भारी मात्रा में कारतूस मिले हैं.
मुठभेड़ में मारे गए कई बड़े काडर:1 करोड़ के इनामी नक्सली के मारे जाने की खबर पर आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि बड़ा काडर मारा गया है लेकिन अभी इसकी शिनाख्त नहीं हुई है. बाकी के नक्सलियों की शिनाख्ती में पता चला है कि मारे गए ज्यादातर नक्सली ओडिशा स्टेट कमेटी, एसडी एरिया कमेटी के काडर है. नक्सलियों की शिनाख्ती जारी है. मुठभेड़ अभी भी जारी है. जिससे नक्सलियों के ढेर होने की संख्या और बढ़ सकती है.
मुठभेड़ में अब तक कितने जवान जख्मी: आईजी मिश्रा ने बताया कि मुठभेड़ में दो जवान घायल है. सोमवार को कोबरा का जवान घायल हुआ था और मंगलवार को एसओजी का जवान घायल हुआ है. दोनों जवान खतरे से बाहर है. उनका रायपुर में इलाज चल रहा है.
नक्सलियों के फोटो और डायरी मिली: आईजी ने कहा कि नक्सलियों के लिए बड़ी क्षति हुई है. सीनियर काडर और दूसरे सदस्य मारे गए हैं. सर्च ऑपरेशन में जो डॉक्यूमेंटस मिले हैं उससे पता चल रहा है कि उनकी दूसरे एरिया में बढ़ने की चर्चा थी. पंचायत चुनाव को प्रभावित करने की भी योजना नक्सलियों की थी. नक्सलियों के पास से कई लोगों की फोटो मिली है. साथ ही डायरी भी मिली है. पुलिस उन फोटो की पहचान और डायरयों में लिखें जानकारी के आधार पर नक्सलियों के शहरी और ग्रामीण नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है.
काफी घने जंगल में मुठभेड़: आईजी ने बताया कि गरियाबंद बॉर्डर से 10 किलोमीटर अंदर 25 से 30 नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी. कुल्हाड़ीघाट-भालूडिग्गी पहाड़ी काफी घना जंगल है. पूरे जंगल में माइंस और आईईडी लगे हुए हैं. जिससे जवानों को ऑपरेशन को अंजाम देने में काफी मुश्किल हुई. वहां दिन में भी विजिबिलिटी काफी कम थी. लेकिन जवानों ने काफी बहादुरी के साथ नक्सलियों को घेर कर रखा और ऑपरेशन को अंजाम दिया. सर्चिंग अभी भी जारी है,जवान तैनात है.