रायपुर। खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला रायपुर की टीम ने रायपुर जिले के कई स्थानों पर झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों में छापेमार कार्रवाई की। आरंग के नरदहा में टीम ने झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक की जांच कर 77 प्रकार की दवाइयां जब्त की है।टीम दवाइयों का सैंपल जांच के लिए भेजकर मामले की विवेचना कर रही. जिला रायपुर में कार्यालय उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन में सूचना प्राप्त हो रही थी कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज गलत ढंग से किया जा रहा है।इन डॉक्टरों के द्वारा मरीजों के असाध्य बिमारियों का इलाज करने का दावा किया जा रहा है. मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा बिना औषधि अनुज्ञप्ति के भारी मात्रा में विभिन्न प्रकार की पोटेंट एन्टिबायोटिक, नशीली टेबलेट, गर्भपात करने वाली टेबलेट आदि औषधियों का एमआर एवं मार्केट में स्थित मेडिकल एजेन्सीयों से खरीदी किया जा रहा है. इसकी सूचना जिला कार्यालय ने नियंत्रण प्राधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को दी. इस पर टीम गठित कर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था।
औषधी निरीक्षक टीम ने आज विभिन्न क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई की. टीम में शामिल औषधि निरीक्षक प्रीति उपाध्याय, डॉ. सुरेश कुमार साहू डॉ. टेकचन्द धीरहे, नमूना सहायक रंजित साहू ने आरंग ब्लॉक में स्थित नरदहा गांव में संचालित लाइफ केयर क्लिीनिक का निरीक्षण किया, जिसे झोलाछाप डॉक्टर नीलकमल साहू संचालित कर रहा था. निरीक्षण के दौरान भारी मात्रा में 77 विभिन्न प्रकार के औषधियां मौके पर क्लिीनिक से बरामद हुआ.
आरोपी ने बताया कि उक्त औषधियों का रायपुर में स्थित मेडिकल एजेंसियों से खरीदा गया है. मौके से खरीदी बिल, लेनदेन से संबंधित रजिस्टर, डायरी भी बरामद किया गया है. आरोपी को उक्त औषधि के संधारण, क्रय-विक्रय से संबंधित वैध लाइसेंस एवं अन्य संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया. प्रस्तुत नहीं करने के कारण मौके पर बरामद औषधियों में से दो प्रकार की औषधियों का जांच के लिए नमूना संकलन किया गया है.
नमूना संकलन के बाद शेष बरामद औषधियों को आरोपी नीलकमल साहू के आधिपत्य से जब्त किया गया. जब्तशुदा औषधियों में 77 विभिन्न प्रकार की औषधियां जिसमें टीबी की दवाई पोटेंट एन्टिबायोटिक, स्टेरायड आदि शामिल हैं. 23 खरीदी बिल एवं औषधियों के लेनदेन से संबंधित दो डायरी / रजिस्टर जब्त किया गया है. उक्त औषधियों का बाजार मूल्य लगभग 1.5 लाख रुपए है. टीम आगे की विवेचना कर रही।