रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज के खिलाफ FIR की मांग. भाजयुमो नेता प्रशम पहुंचे सुपेला थाना, प्रशासन से पूछा-फूड प्वाइजनिंग से एक छात्रा की मौत हो गई, 50 से ज्यादा अस्पताल में, कौन लेगा जिम्मेदारी?
भिलाई। मॉडल टाउन स्थित रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल में फूड प्वाइजनिंग के मामले का खुलासा होने के बाद कॉलेज मैनेजमेंट बैकफुट पर आ गया है। कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ FIR की मांग की है।
प्रशम ने प्रशासन से सवाल पूछा है कि, एक छात्रा की मौत हो गई है। 50 से ज्यादा छात्राएं अस्पताल में भर्ती है। इन सबके लिए जिम्मेदार कौन हैं? रस्तोगी कॉलेज ऑफ नर्सिंग के मैनेजमेंट के खिलाफ तत्काल एफआईआर की जाए।
इसके लिए सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा को प्रशम ने ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने एफआईआर की मांग की है। भिलाई के मॉडल टाउन क्षेत्र में संचालित रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज की 60 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गईं।
सभी छात्राओं को नेहरू नगर के हाईटेक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें एक छात्रा की मौत हो गई है। वहीं 46 छात्राओं का उपचार जारी है। शेष 13 छात्राएं ठीक हो गई हैं।
[ प्रशम ने क्या लिखा है शिकायत पत्र में… ]
प्रति,
थाना प्रभारी,
सुपेला थाना
जिला दुर्ग
विषय: छात्राओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले रस्तोगी कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई बाबत
महोदय
जैसा कि आप को ज्ञात है कि मॉडल टाउन में संचालित रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज में दिनांक 1.8.2022 को 60 छात्राएं फूड पॉइजनिंग की शिकार हो गई और गंभीर होने के कारण एक छात्रा की मृत्यु हो गई। चुकी जिस मेस में छात्राओं ने भोजन किया वह मेस रस्तोगी कॉलेज द्वारा संचालित है इस लिए कॉलेज प्रबंधन सीधे तौर पर ज़िमेदार है। बताया जा रहा है कि अभी और छात्राएं गंभीर है। इस लिए हमारी मांग है कि छत्राओ के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले रस्तोगी कॉलेज प्रबन्धक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और कॉलेज प्रबन्धक पर छात्र की हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
धन्यवाद
प्रशम दत्ता
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
भारतिय जनता युवा मोर्चा
[ 4 दिन से लगातार मिल रही थी शिकायत ]
जानकारी के मुताबिक नर्सिंग कॉलेज में 300 छात्राएं हॉस्टल में रहकर एएनएम और नर्सिंग का कोर्स करती हैं। 4 दिन पहले कुछ छात्राओं को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत हुई थी। प्रबंधन ने उन्हें उपचार के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इसके बाद एक-एक कर और भी छात्राओं की तबीयत बिगड़ती चली गई।
कॉलेज प्रबंधन पिछले तीन दिनों से यह मामला दबाए हुए था। चौथे दिन जब बालोद निवासी कामिनी की डेथ हुई तो मामला आग की तरह फैला। जानकारी मिलते ही भिलाई नगर निगम के मेयर नीरज पाल, आयुक्त लोकेश चंद्राकर, उपायुक्त अशोक द्विवेदी, पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा सिहत अन्य लोग पहुंचे।
मेयर नीरज पाल ने दुर्ग कलेक्टर से बात की और मामले की जांच कराने की बात कही। नीरज पाल ने निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे खुद मामले की जांच कराएं और गलती पाए जाने प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
[ कॉलेज प्रबंधन ने मौत की जिम्मेदारी लेने से किया इंकार ]इधर रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन ने छात्रा कामिनी की मौत की जिम्मेदारी लेने से इंकार किया है। कॉलेज के जीएम ने कहा कि कामिनी की तबीयत खराब जरूर हुई थी, लेकिन वह ठीक हो गई थी। इसके बाद उसके परिजन उसे बालोद घर लेकर चले गए थे। वहां उसकी डेथ हुई है। इस मौत के लिए प्रबंधन जिम्मेदार नहीं है।
[ छात्राओं ने कहा दिया जाता था घटिया खाना ]जब मेयर नीरज पाल ने बीमार छात्राओं से बात की तो उन्होंने बताया कि मेस में उन्हें घटिया खाना दिया जाता था। बासी खाना खिलाया जाता था। दाल पानी की तरह होती थी। सब्जी, चावल व रोटी की क्वालिटी बिल्कुल खराब थी।
[बासी व खराब खाना खाने से ही उनकी तबीयत बिगड़ी है ]मेयर नीरज पाल ने आदेश दिया है कि भिलाई नगर निगम क्षेत्र में जितने भी कॉलेज व अन्य हॉस्टल हैं उसकी एक-एक करके जांच की जाए। वहां दिए जाने वाले खाने के मिन्यू और मिलने वाले खाने की जांच कर देखा जाए। यदि कहीं भी कोई कमी पाई जाती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।