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नगपुरा के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में छात्रों संग शिक्षकों ने मनाया हरेली तिहार |

छत्तीसगढ़ अपनी लोक संस्कृति और सभ्यता के नाम से पूरे देश-विदेश में विख्यात है, जैसे यहां की लोक संस्कृति और सभ्यता है, वैसे ही यहां के लोग सरल स्वभाव के होते हैं, जहा छत्तीसगढ़ में हर छोटी से छोटी पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.

जहां लोग जात-पात छोटे-बड़े अमीरी-गरीबी की भेद भावना को भूलकर छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति सभ्यता के अनुसार सभी त्यौहारों को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इसी कड़ी मे आज नगपुरा के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में हरेली त्यौहार को काफी धूमधाम से मनाया गया. जहां बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी गेड़ी चढ़ा और पूजा पाठ कर हरेली त्यौहार को मनाया.

आज छत्तीसगढ़ का प्रथम त्यौहार हरियाली का प्रतीक हरेली को नगपुरा के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. जिसमें ना सिर्फ छात्र छात्राओं ने बल्कि शिक्षकों ने भी बढ़-चढ़कर इस त्यौहार को अपने स्कूल के प्रांगण में मनाया, और उसके पश्चात मिड डे मील का आयोजन किया गया.

[ हरेली त्यौहार की विशेषता ]

इस त्यौहार की विशेषता यह है कि इस दिन छत्तीसगढ़ के सारे किसान भाइयों की धान की खेती की बुवाई समाप्त हो जाता है.जिससे खेतों में धान निकलने से चारों तरफ हरियाली का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. जिसके बाद किसान भाई अपने सारे औजारों जैसे नांगर, कुल्हाड़ी, फावड़ा इन सभी को अच्छे से धोकर इनकी पूजा की जाती हैं.

साथ ही साथ घर में खीर-पुड़ी और छत्तीसगढ़ का प्रमुख चीला-रोटी एवं अनेक प्रकार पकवान बनाए जाते हैं, व छोटे-छोटे बच्चे लकड़ियों के गेड़ी बनाकर उसमें चलते हुए इस त्यौहार का आनंद लेते हैं छत्तीसगढ़ का यह लोग पारंपरिक त्यौहार हरेली पूरे प्रदेश में हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं और इस त्यौहार के नजारे को देखने में एक अद्भुत दृश्य नजर आता है.

 

The Samachaar

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