छत्तीसगढ़ के भिलाई में संचालित कल्याण महाविद्यालय में रविवार को एल्युमिनाई मीट का आखरी दिन रहा। इस कार्यक्रम में कालेज के उन छात्रों को आमंत्रित किया गया था जो यहां छात्र थे। सालों बाद अपने दोस्तों को पाकर वह एक दूसरे से गले लग गए। इसमें कई छात्र ऐसे भी थे, जो आईपीएस, डॉक्टर, राजनेता और बड़े पदों पर आसीन है, लेकिन अपने बैचमेट को पाकर वह भी पूराने छात्र बन गए और एक दूसरे गले लग गए। इसके बाद एक दूसरे से उनकी उपलब्धियों के बारे में जाना और फिल्मी सांग में जमकर थिरके।
रविवार रात सतरंगी छटाएं बिखेरता कल्याण महाविद्यालय का खूबसूरत मंच उन छात्रों से भरा हुआ था, जो खुद अपने आप को छात्र महसूस कर रहे थे, लेकिन असल में वे देश के जिम्मेदार पदों पर आसीन हैं। उन्होंने अपने ओहदे, अपनी रैंक और पॉवर को भुलाकर एल्युमिनाई मीट के ऐसे इंज्वाय किया जैसे कॉलेज के स्टूडेंट्स करते हैं। साथ नाचे, सेल्फी जोन में सेल्फी खिंचवाई, हंसी ठहाके किए, एक दूसरे के साथ कालेज के समय वाले मजाक किए।
इस एल्युमिनाई मीट आयोजन कार्यक्रम के अध्यक्ष अनिल मिश्रा और पूर्व अध्यक्ष योगेश गुप्ता ने बताया कि कल्याण कॉलेज में उनका यह तीसरा कार्यक्रम है। इससे पहले भी दो बार वो कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं। धीरे-धीरे उनके पास पूर्व छात्रों की पूरी लिस्ट बनती चली जा रही है।
कल्याण कॉलेज से पास आउट छात्र राजनेता से लेकर बॉर्डर की कमान संभालने वाले और राज्य में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालवे बड़े रैंक के अधिकारी तक हैं। उन सभी ने अपना समय दिया और यहां आए। सभी का यही कहना था कि इस तरह का कार्यक्रम हर साल होना चाहिए और वो इसमें आते भी रहेंगे।
आईपीएस अधिकारी शशि मोहन ने कहा कि यहां आकर काफी अच्छा लगा। यहां आकर सभी अपने पुराने मित्रों से मिले और अपनी पुरानी यादों को ताजा करते दिखे। उन्होंने एक दूसरे को पाकर अपने जीवन की खट्टी मिट्ठी यादों को साझा किया। इस एल्युमिनाई मीट में कई ऐसे मित्र मिले जो सालों बाद मिले। भोपाल से एक मित्र यहां आया उससे मिलकर काफी उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री और बिजनेसमैन सलिल सिंह, टीटू ने कहा कि उन्होंने कल्याण कॉलेज में पढ़ाई की है। यहां आना उनके लिए गौरव का विषय है।
यहां आकर वह अपने आपको पहले की तरह जवान महसूस कर रहे हैं। भिलाई नगर निगम के महापौर और कांग्रेस नेता नीरज पाल यूं तो राजनेता हैं। वह हमेंशा सफेद कुर्ता और पायजामा में दिखते हैं, लेकिन जब बात कल्याण कॉलेज में एल्युमिनाई मीट की आई तो वो वहां जींस, टीशर्ट और जैकेट में पहुंचे। उन्होंने कहा ये उनके लिए बहुत खुशी का पल है। पुराने दोस्तों के बीच आकर पुरानी यादों को फिर से ताजा कर रहा हूं। कॉलेज में आना है तो कॉलेज की पोशाक पहना जरूरी था, इसलिए मैं जींस पहनकर आया हूं।
इस एल्युमिनाई मीट में काश्मीर में बार्डर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले बीएसएफ के डीआईजी सचिंद्र सिंह चंदेल भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें वो 32 साल बाद अपने कॉलेज आए हैं। वह रायपुर आते थे तो भिलाई भी आते थे। उनकी चाहत होती थी कि वो कल्याण कॉलेज आएं, लेकिन वह नहीं जा पाते थे। आज उसका संयोग बना। उनका कहना है कि जब वह कल्याण कॉलेज आए तो ऐसा लगा जैसे एक बछड़ा दिन भर घूमने के बाद अपनी मां के पास आकर जैसा महसूस करता है वैसा ही वह भी महसूस कर रहे हैं।
राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि वह इसी कल्याण कॉलेज से निकले हैं। उन्होंने यहां काफी कुछ सीखा और यहीं की पढ़ाई से वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि वह जब से यहां आए हैं वह अपनी क्लास और अध्यापकों का रूम ही देख रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि वह फिर से कॉलेज वाले दिन में आ गए हैं।
नागपुर में एक कंपनी चलाने वाले ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगा। जैसे मां वसुंधरा ने अपने गर्भ से एक से बढ़कर एक रत्न पैदा किए वैसे ही जैसे आप जितने लोगों से मिल रहे हैं वह भी कल्याण कॉलेज के ऐसे रत्न हैं, जिन पर कभी भी किसी को नाज हो सकता है।