
महंगाई सबके लिए नुकसानदायक नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि महंगाई का फायदा एक खास वर्ग को मिलता है जबकि उपभोक्ता इससे परेशानी में आते हैं. टमाटर का उदाहरण लीजिए. एक तरफ आम लोग 150-200 रुपये किलो टमाटर की महंगाई से त्रस्त हैं. तो दूसरी ओर टमाटर उगाने वाले किसानों को इस बढ़े रेट का फायदा मिल रहा है. ऐसी ही एक खबर आंध्र प्रदेश के चित्तूर से आई है. यहां के एक किसान की रातों रात किस्मत बन गई. यह किसान टमाटर बेचकर करोड़पति बन गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि टमाटर के भाव कई दिनों से 150 रुपये से ऊपर बने हुए हैं. चित्तूर के इस किसान को टमाटर बेचकर तीन करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.
टमाटर की ये कहानी चित्तूर के किसान पी चंद्रमौली और उनके भाई मुरली की है. ये दोनों किसान भाई चित्तूर जिले के सोमाला मंडल के काराकमांडा गांव के रहने वाले हैं. इनका परिवार शुरू से टमाटर की खेती करता रहा है. यह किसान परिवार खेती में नई-नई तकनीकों का भी प्रयोग करता रहा है. किसान चंद्रमौली ने पहले भांप लिया था कि इस बार टमाटर की खेती अच्छा भाव दिला सकती है. उन्होंने जून-जुलाई का अनुमान लगाते हुए पहले ही टमाटर की अच्छी खेती कर ली. इसका उन्हें अच्छा नतीजा मिला और कमाई करोड़ में पहुंच गई.
चित्तूर के चंद्रमौली की सक्सेस स्टोरी
टमाटर की महंगाई का नतीजा रहा कि चंद्रमौली को चार करोड़ रुपये की इनकम हुई है. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रमौली को टमाटर की खेती और ढुलाई आदि पर एक करोड़ रुपये का खर्च आया. इस तरह उन्हें तीन करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है. चंद्रमौली के मुताबिक उन्होंने शुरू में अपनी उपज को कर्नाटक के कोलार में बेचा. 15 किलो के क्रेट के लिए उन्होंने 1000 से 1500 रुपये की कमाई की. पिछले कुछ हफ्तों में चंद्रमौली ने टमाटर के 40,000 बॉक्स बेचे हैं जिससे उन्हें चार करोड़ रुपये की कमाई हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रमौली के परिवार के पास 12 एकड़ जमीन है जिसमें खेती होती है. इतनी जमीन केवल काराकमंडा गांव में है जबकि इस परिवार के पास 20 एकड़ जमीन सुवारापुवरीपल्ली में है. चंद्रमौली कहते हैं कि उन्होंने टमाटर की अच्छी पैदावार लेने के लिए ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग का प्रयोग किया. इससे उन्हें टमाटर की बहुत अच्छी उपज मिली और कमाई बढ़ गई.
इन वजहों से बढ़े टमाटर के भाव
एक्सपर्ट की मानें तो टमाटर के भाव बढ़ने के पीछे कई फैक्टर जिम्मेदार हैं. बारिश से पैदावार में कमी, फसल पर मौसम की मार और गिरते दाम की वजह से टमाटर की खेती से किसानों का दूर होना जैसे कारणों से इस बार टमाटर के भाव में तेजी देखी गई. देश के कई इलाकों में बाढ़ आने से इसकी सप्लाई पर बेहद बुरा असर देखा गया. इससे भी भाव में तेजी देखी गई. इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार प्रदेश के लोगों को टमाटर की महंगाई से राहत देने के लिए रायतू बाजार के जरिये 50 रुपये किलो टमाटर बेच रही है. इसमें एक व्यक्ति को अधिकतम एक किलो टमाटर मिल रहा है. हालांकि एक किलो टमाटर के लिए लोगों को घंटों घंटा तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.