छत्तीसगढ़ :क्या आपको पता है कौन है सौम्या चौरसिया, राज्य प्रशासनिक सेवा से उप सचिव तक का सफर और क्यों कहा जाता उन्हें हैं सीएम की करीबी, और अब क्यों आयी ईडी के रडार पर….

रायपुर . छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कांग्रेस और उसकी सरकारें केंद्र पर जिन सेंट्रल एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाती हैं, वहीं एजेंसियों की टीम सौम्या चौरसिया के दरवाज़े पर पहुँची है।
ये राज्य प्रशासनिक सेवा की वही अधिकारी हैं जो छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सचिवालय में बतौर उप सचिव नियुक्ति हुई थीं। सरकार में अपने जबर्दस्त दखल और रसूख के चलते सौम्या चौरसिया देखते ही देखते शासन-प्रशासन की प्रमुख धुरी बन गईं।
बेहद प्रभावशाली हैं उप सचिव हैं सौम्या –
छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था को समझने वाले जानते हैं कि सरकार में सौम्या चौरसिया इस कदर प्रभावी हैं कि मामला चाहे सरकार से जुड़ा हो अथवा राजनीति से अंतिम फैसला डिप्टी सेक्रेटरी चौरसिया की हरी झंडी मिलने के बाद ही होता है। हालत ये है कि कांग्रेस सरकार में कई वरिष्ठ आईएएस अफसरों का कद भी राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या के आगे बौना नजर आता है। राज्य में छोटे-बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग से लेकर प्रदेश सरकार की नीति कार्यक्रमों से संबंधित फैसले भी उनकी मंजूरी से ही फाइनल होते हैं। यह माना जाता है कि सौम्या चौरसिया के केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर होने की वजह भी उनका मुख्यमंत्री बघेल का सर्वाधिक विश्वासपात्र होना ही है।
केंद्रीय एजेंसियां दूसरी बार पहुँची सौम्या के दरवाजे-
सौम्या चौरसिया मूलतः छत्तीसगढ़ की ही हैं। वे कोरबा की रहने वाली हैं। सीएम सचिवालय में पोस्टिंग से पहले सौम्या कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं। वे पूर्व में बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन एसडीएम रही हैं। उन्हें पहली बार भिलाई चरौदा नगर निगम आयुक्त भी बनाया गया। इसके बाद 2016 में रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान उन्होंने निगम में वित्त, सामान्य प्रशासन जैसे मह्तपूर्ण शाखाओं का प्रभार संभाला।
सेंट्रल एजेंसियों के रडार में रही चौरसिया –
फरवरी 2020 में पहली बार केंद्रीय एजेंसी ने सौम्या के घर दबिश दी थी। इस छापे को लेकर दिल्ली तक राजनीति गर्मा गई थी। यह छापा केवल सौम्या चौरसिया तक सीमित नहीं था बल्कि तब कई और प्रभावशाली नाम भी चर्चा में आए थे। तब की मीडिया रिपोर्ट में इस बात हवाला मिलता है कि एक उप सचिव के घर छापे से छत्तीसगढ़ सरकार इस कदर नाराज हो गई थी उसने आईटी की टीम की गाड़ियां ही जब्त करा दी थीं। सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया था।
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सौम्या चौरसिया को किया गिरफ्तार –
छत्तीसगढ़ की एक टॉप ब्यूरोक्रेट को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार किया है.
आयकर विभाग ने पिछले साल जून में कहा था कि उसने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छापेमारी के बाद 100 करोड़ रुपये से अधिक के कथित हवाला रैकेट का भंडाफोड़ किया है. हवाला लेनदेन के तहत औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से हटकर नकदी का लेनदेन हुआ है.
फरवरी 2020 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित उनके करीबी सहयोगियों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी से मामला राज्य बनाम केंद्र बन गया था. इनकम टैक्स विभाग की टीम ने सौम्या चौरसिया के बंगले पर छापा मारा था. उस समय जगदलपुर में भी दो कारोबारियों के ठिकानों पर छापे मारे गए थे.
छापे के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन 19 कारों को जब्त कर लिया था जिसे छापेमारी के लिए कथित तौर पर आयकर अधिकारियों ने किराये पर लिया था. पुलिस का कहना था कि, सारी गाड़ियां नो-पार्किंग ज़ोन में खड़ी थीं इसलिए उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार जुर्माना वसूल किया और वाहनों को छोड़ दिया.
बीजेपी नेताओं ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था और आरोप लगाया था कि पुलिस इनकम टैक्स के छापे को रोकने की कोशिश कर रही थी.