अधिष्ठाता छात्र कल्याण दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय में हुआ कार्यक्रम का आयोजन -स्वास्थ्य और अध्ययन पर जैविक घड़ी का प्रभाव विषय पर दी गई जानकारी
दुर्ग 28 दिसंबर 2012/ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. (कर्नल) एन.पी. दक्षिणकर के मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव 2022 के उपलक्ष्य में अधिष्ठाता छात्र कल्याण दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय द्वारा 27 दिसंबर 2022 को पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के सभागार में “इंपैक्ट ऑफ बायोलॉजिकल क्लॉक ऑन हेल्थ एंड स्टडी” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री गोपावृंदा पाल दास अक्षय पात्र, केंपस भिलाई नगर को अतिथि व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया। श्री गोपावृंदा पाल दास जी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि जीव धारियों के शरीर में समय निर्धारण की समुचित व्यवस्था होती है। जिसे हम जैविक घड़ी या बायोलॉजिकल क्लॉक कहते हैं। बायोलॉजी क्लॉक से व्यक्ति के सोचने समझने की दशा-दिशा, तर्क-वितर्क एवं निर्णय करने की क्षमता एवं व्यवहार प्रभावित होती है। उन्होंने यह भी बताया कि मानव गतिविधियों को मानव शरीर में उपस्थित जैविक घड़िया नियंत्रित करती हैं, जिसे सिर काडियन रिदम कहते हैं। जैसे-जैसे प्रत्येक 24 घंटे में पृथ्वी घूमती जाती है वैसे वैसे यह घड़ी जीव शरीर को दिन और रात के दैनिक चक्र के अनुकूल बनाने में मदद करती है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आर.के. सोनवाने, अधिष्ठाता मात्स्यिकी महाविद्यालय कवर्धा डॉ. जी.के. दत्ता, निदेशक कामधेनु पंचगव्य संस्थान डॉ.के.एम.कोले, डॉ.केशब दास, डॉ.एस.डी. हिरपुरकर, डॉ.मोहन सिंह, डॉ.नीलू गुप्ता अधिष्ठाता छात्र कल्याण, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ. दिलीप चौधरी महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं छात्र छात्राओं की गरिमामय उपस्थिति रही।