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सैम पित्रोदा ने ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, रंगभेद वाले बयान से हुआ विवाद! पढ़े आगे की ख़बर

नईदिल्ली-  ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बीते दिनों वे विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं. हाल ही में पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में उत्तर भारत के लोगों की तुलना गोरों, पश्चिम में रहने वालों की तुलना अरब, पूर्व में रहने वाले लोगों की तुलना चाइनीज और दक्षिण भारत में रहने वालों को अफ्रीकियों से तुलना की थी. कांग्रेस ने इस दौरान पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है. उसके सहयोगी दलों ने भी बयान को गलत बताया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि सैम पित्रोदा की ओर से भारत की अनेकताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वो गलत और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, अस्वीकार्य हैं. कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूरी तरह से अलग करती है, वहीं इसका खंडन करती है.

आपको बता दें कि सैम पित्रोदा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉ.मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे हैं. सैम पित्रोदा अकसर बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली में पित्रोदा के बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने इस बयान पर राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी पर हमला किया है.

पीएम मोदी ने कहा, मैं आज काफी नाराज हूँ. मुझे कोई गाली दे, मुझे गुस्सा नहीं आता. मैं इसे सहन कर जाता हूं. मगर आज शहजादे के फिलॉस्फर (सैम पित्रोदा) ने इतनी गाली दी, जिसने मुझमें गुस्सा भर दिया है. कोई मुझे ये बताए कि क्या उनके देश में चमड़ी के आधार पर योग्यता तय होगी. संविधान सिर पर लेकर नाचने वाले लोग चमड़ी के रंग को आधार मान कर मेरे देशवासियों के अपमान में जुटे हैं.

सैम पित्रोदा ने कहा था, भारत ऐसा विविधतापूर्ण देश रहा है, जहां पर पूरब के लोग चीनी जैसे दिखाई देते हैं. पश्चिम के लोग अरब के लोगों की तरह दिखते हैं. उन्होंने उत्तर के लोगों को गोरे और दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकन जैसा बताया था. उन्होंने कहा था कि इस तरह से विविध भारत की पहचान हमारे सामने है. हर कोई इस पर विश्वास करता है. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह अंतर कोई मायने नहीं रखता है. यहां हम सभी भाई बहन की तरह हैं, हम सभी की भाषा और संस्कृति का सम्मान करते हैं.

पित्रोदा के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि सैम पित्रोदा की ओर से भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह गलत और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।

भाजपा ने भी पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था। पार्टी ने कहा था कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, विपक्षी पार्टी का मुखौटा उतरता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पित्रोदा के विवादास्पद बयानों को कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता करार दिया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या तमिल संस्कृति और गौरव के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अपने सहयोगी इस प्रमुख विपक्षी पार्टी से नाता तोड़ेगी? पीएम मोदी ने कहा कि एक बड़े नेता ने कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता प्रदर्शित की है। गांधी परिवार के करीबी और शहजादे के सबसे बड़े सलाहकार ने जो कहा वह बहुत शर्मनाक है।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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