पवित्र 51 नदियों का जल लेकर पद यात्रा करते हुए विधायक रिकेश सेन ने सूर्यकुण्ड घाट में किया छठी मैया का अभिषेक
भिलाई। शारदापारा बैकुंठ नगर स्थित बैकुंठ धाम का सूर्य कुंड तालाब इस वर्ष छठ पूजा में अपने सुंदर और मनोहर रूप में दिखाई देगा। वर्षों से सुव्यवस्थित सूर्यकुण्ड की बाट जोह रहे लोगों की खुशी सोमवार की शाम देखते ही बनती थी। जलेबी चौक से लिंक रोड, सर्कुलर मार्केट, शीतला मंदिर क्षेत्र से मिलन चौक होते हुए 51 पवित्र नदियों के जल का कुंड सिर पर लेकर चल रहे वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन की राहों में पुष्प वर्षा कर लोगों ने पूरे मार्ग पर फूल बिछा दिए।
सैकड़ों महिलाओं ने अलग अलग मोहल्लों की टीम लेकर बैकुंठ धाम के सूर्यकुण्ड को संवारने और पूर्ण अस्तित्व में लाने का माध्यम बने अपने लाडले विधायक का अभिनंदन कर कलश कुंड की आरती भी उतारी। अब बैकुंठधाम तालाब न सिर्फ छठ पूजा, तीज नहावन सहित अन्य आवश्यक परंपराओं के निर्वहन के लिए उपयुक्त होगा बल्कि आस पास के क्षेत्र का जल स्तर बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेगा। इस तालाब को वृहद, विस्तारित और विकसित स्वरूप दिलाने में गंगा जल लेकर कसम खाने वाले जनप्रतिनिधि रिकेश सेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
सूर्य कुंड निर्माण में कोई भी शासकीय फंड नहीं मिला तो गंगा जल लेकर कसम खाने वाले विधायक रिकेश सेन ने गांव की पैतृक जमीन बेंच दी, राजेंद्र अरोरा ने भी जहां अपनी जमीन बेची वहीं पूर्व पार्षद राजेश प्रसाद ने पत्नी के गहने बेच दिए। निजी प्रयास से जमा राशि में बैकुंठधाम के लोगों ने भी सहयोग दिया और लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से सूर्यकुण्ड को आज अपना पूर्ण वजूद मिला।
सोमवार को निश्चित कार्यक्रम के अनुसार विधायक रिकेश सेन ने जलेबी चौक से 51 पवित्र नदियों का एकत्रित जल कुंड सिर पर धारण किया और समर्थक भक्तों के साथ पैदल लिंक रोड, सर्कुलर मार्केट, शीतला मंदिर से दुर्गा विद्यालय होते हुए मिलन चौक पहुंचे। यहां से गांधी चौक होते हुए साहू लकड़ी टाल के पास से बैकुंठ नगर में प्रवेश किया और उनकी पद यात्रा लगभग एक घंटे का भ्रमण करती हुई शाम 6 बजे बैकुंठधाम मंदिर पहुंची। यहां माता की पूजा अर्चना पश्चात विधायक रिकेश सेन जल कुंड धारण किए हुए सूर्यकुण्ड के गंगा घाट पहुंचे। भगवान सूर्य की पूजा अर्चना के बाद लगभग 20 मिनट तक छठी मैया का जल, दुग्ध, औषधि सहित सुवासित द्रव्य से अभिषेक किया गया। कान्हाजी महाराज की अगुवाई में विशेष पुरोहितों की टीम ने मंत्रोच्चार से अभिषेक पूजन करवाया। इसके बाद गंगा मैया की आरती शुरू हुए।
सूर्यकुण्ड के चारों तट पर हजारों की संख्या में महिलाएं आरती थाल लिए शाम से ही मौजूद रहीं। जब गंगा आरती शुरू हुई तो चारों दिशाओं में केवल हजारों दीपक और ज्योत ही दिखाई पड़ रही थी।
सभी ने मां गंगा की आरती विधायक रिकेश सेन और बैकुंठ धाम के संस्थापक राजेंद्र सिंह अरोरा के साथ सम्पन्न की। इसके पश्चात छत्तीसगढ़ का राजगीत अरपा पैरी का भी गायन हुआ। आरती पश्चात विधायक रिकेश सेन ने पंडितों के मंत्रोच्चार के साथ 51 पवित्र नदियों के जल को सूर्यकुण्ड में समाहित किया।
इस दौरान दो दशक से बैकुंठधाम की बाट जोह रहे क्षेत्रवासियों की आंखों में आंसू भी छलक पड़े।पद यात्रा के दौरान 40 वर्ष का एक व्यक्ति विधायक रिकेश को साष्टांग प्रणाम करते जमीन पर लेट गया। उसने कहा कि अब भी यकीन नहीं हो रहा कि बैकुंठ धाम का सूर्यकुण्ड आपके प्रयास से वास्तविक रूप ले चुका है। जगह जगह महिलाओं ने छठ पूजन और तीज नहावन, दशगात्र जैसे आयोजनों के लिए आवश्यक सूर्य कुंड को ऐसा भव्य स्वरूप देने के लिए विधायक रिकेश सेन का आभार जताया।