
सावन मास में भगवान शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन के महीने के सोमवार का महत्व और भी अधिक होता है। इस बार 11 जुलाई से सावन की शुरुआत होगी और 9 अगस्त को समाप्त होगा।
इस सावन में चार सोमवारी व्रत होगा। पहला सोमवारी व्रत 14 जुलाई को है। दूसरा 21, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सोमवारी व्रत 4 अगस्त को है। इस माह में भगवान महादेव की पूजा करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती हैं
सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व-
सोमवारी व्रत के लाभ- सावन में भगवान शिव की पूजा एवं सोमवार व्रत का विशेष महत्व है, जिसे शिव पुराण में भी विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि जो शिव भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक सावन के सभी सोमवारी का व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सोमवार व्रत से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है। ग्रहों की प्रतिकूल दशा में सुधार होता है। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। दांपत्य जीवन में मधुरता भी आती है।
सावन में भगवान शिव की पूजा के लिए सामग्री-
भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।