दुर्ग जिला – दुर्ग शहर के अंतर्गत पोटिया कला चौक में उधारी समोसा नहीं देने पर, विधवा महिला के ऊपर उड़ेला गरम तेल, पदमनाभपुर चौकी में मामला दर्ज पढ़ें पूरी खबर…

दुर्ग | दुर्ग शहर से दो किलोमीटर दूर स्थित पोटिया कला चौक इस चौक से पदमनाभपुर चौकी एवं छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री बंगला निवास लगभग एक से दो किलोमीटर कि दूरी स्थित हैं। उसके बाद भी अपराधी प्रविक्ति के लोगों को किसी भी प्रकार के ड़र एवं भय नहीं हैं। आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में अवगत करायेंगे जिससे उस घटना को सुनकर या पढ़कर आपकी होश उड़ा देंगे जी हां हम बात रहें पोटिया कला निवासी ललिता साहू उम्र लगभग पचास वर्ष हैं। और वह महिला विधवा हैं। ललिता साहू के पति स्वर्गलोक हुए लगभग तीन से चार वर्ष हो गए हैं ललिता साहू के लगभग चार बच्चे हैं जिसमें से तीन लड़कियां और एक लड़के हैं जिसमें से एक बेटी कि शादी हुई हैं दो बेटियां और एक बेटे के शादी करनी बची है याने अपने घर के मुख्या स्वयं होने के नाते जैसें तैसे करके अपने बच्चों के जीवन की निर्वाहन कर रहीं थीं पोटिया कला चौक में एक छोटी सी समोसे ठेला में समोसे बेचकर अपने परिवार को पालती थी हर रोज के भाती सुबह लगभग छह बजे से रात्रि कालीन लगभग दस बजे तक अपनी बच्चों के साथ समोसे बेचकर इस तरह से जीवन यापन करती हैं और इनके कोई आगे पिछे भी नहीं जो इनके विपत्ति के समय आगे खड़े होकर साथ दे उसी प्रकार उनका एक पुराना ग्राहक नाम मोहम्मद इरफान उम्र लगभग छब्बीस वर्ष पता कुंदरा पारा का रहने वाला पेशे से नशापान करने वाले व्यक्ति जब भी समोसे खाने के मन करता था तो मुंह उठाकर इस दुकान में आकर और बीना पैसे के उधारी लिखाकर चले जाते थे और ऐसे करते करते वह व्यक्ति लगभग हजारों रुपए के समोसे खा चुके थे इस समोसे वाली ललिता साहू को उस युवक द्वारा नशे कि स्थिति में डरा धमकाकर दादागिरी रोब दिखाकर उनके समोसे को खा जाते थे और उनके मजबुरी का इस तरह से फायदा उठाते हुए नजर आते थे उसी प्रकार घटना के दिन भी शाम लगभग छह से सात बजे के बीच वह व्यक्ति मोहम्मद इरफान उस दुकान में नशा के हालत में समोसे खाने चले गए.
समोसे खाने के बाद पिछले बकाया उधारी पैसे कि मांग दुकान मालिक के द्वारा किया गया होगा तो इसी बात को लेकर युवक द्वारा गुस्से होकर आक्रोश में आकर और क्रोधित होकर कढ़ाही में रखें समोसे वाला आग से उबले वाले तेल को उठाकर समोसे के दुकान चलाने वाली ललिता साहू महिला के ऊपर गर्म तेल उठाकर डाल दिया जिससे वह महिला पुरी तरह से झुलस गई और जख्मी हो गए चिखते चिल्लाने लगी आसपास के लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहे थे और वह लड़का द्वारा करीब आधा घंटा तक उस महिला के साथ उनके कमजोरी का फायदा उठाकर बुलंद आवाज के साथ उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा था.
लोग खड़े होकर आनंद एवं मजा लेते दिखाई दिए किसी के हिम्मत भी नहीं हो रहें थे कि उस महिला के मदद करें आज ऐसा दिन भी देखने को मिलता हैं जब एक महिला अपने ही क्षेत्र में सुरक्षित नहीं तो हम बाहरी जगहों पर क्या उम्मीद करें फिर अचानक से एक बाहरी युवक ने कहा तुमने ऐसा क्यों किया हैं। तो उस नशा के हालत में धूत हुए मोहम्मद इरफान वह लड़के ने उस लड़के से भी उलझ गए फिर लड़के ने जो महिला के मदद करने के लिए आये थे उस लड़के को चमकाने कि कोशिश किये तो उस नशापान करने वाले युवक मोहम्मद इरफान ने उस लड़के को भी मारने कि कोशिश किए गए और कहने लगा किसी भी को बुला लो मेरा कोई कुछ नही कर सकता फिर आस पास के लोगों द्वारा भीड़ कर अपने अपने तरीके से हाथ साफ कर ही रहे थे तभी अचानक से पोटिया चौक से पुलिस कि गाड़ी जा रही थी पुलिस द्वारा भीड़ भाड़ दिखाई देने पर गाड़ी से उतरकर देखा और घटना के बारे में जानकारी हुई और उस लड़के को पुलिस द्वारा चौकी लेकर चले गए लगभग चालीस से पचास घंटा होने के बाद भी पदमनाभपुर चौकी द्वारा उस लड़के आरोपी को जेल नहीं लेकर गए थे आखिर क्या कारण होगा जो उस आरोपी को जेल लेकर नहीं गये थे समझ से परे झुलसी महिला को आनन फानन में परिजनों द्वारा जिला अस्पताल दुर्ग लेकर गए उसके बाद उस अस्पताल के डाक्टरों द्वारा दुसरे जगह उस महिला को रिफर कर देने कि बात कहे जाने लगे आखिर इस जिला अस्पताल दुर्ग में गंभीर मरीजों को क्यों भर्ती नहीं लेते जबकि इस जिला अस्पताल दुर्ग में मरीजों के लिए सर्व सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी ड़ांक्टरो द्वारा बड़ी लापरवाही देखने को मिलते हैं कारण जिला अस्पताल में डाक्टरों कि उपस्थिति नहीं रहती क्योंकि जिला अस्पताल के बहुत से डाक्टरों को अपनी बाहरी क्लिनिक से फुर्सत नहीं है ऐसे डाक्टरों में जिला प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि कहीं न कहीं इन डाक्टरों कि वजह से जिला अस्पताल के नाम बदनाम किये जा रहें हैं और इस अस्पताल में कौन से मरीज आ रहे हैं और कौन से मरीज को दुसरे अस्पताल में रिफर किया गया इस अस्पताल में किसी भी प्रकार के कोई जानकारी रखना या किसी को जानकारी देना उचित नहीं समझते इस जिला अस्पताल दुर्ग में इलाज के आभाव में आज मरीजों को दुसरे अस्पताल या फिर प्राईवेट अस्पतालो में जानें को मजबूर हो रहे हैं कुछ दिनों पहले संभागायुक्त महादेव कावरे ने इस जिला अस्पताल दुर्ग का निरीक्षण किया गया तो देखा कि बहुत से नर्स और डाक्टरों अपने ड्यूटी से नदारद रहे आज वह महिला ललिता साहू को दुर्ग जिला अस्पताल के इलाज के आभाव में दुसरे जगहों में रिफर करना पड़ा अब क्या होगा उस ललिता साहू के बच्चों का जो रोजमर्रा का जिन्दगी जीकर अपने परिवार को पालती थी.
आज परिवार चलाने वाली मुख्या ही अपनी जिंदगी कि जंग लड़ रही है क्या उनके बच्चों को किसी समाज, किसी संगठन,समाज सेवक,या फिर किसी अधिकारी या नेताओं या जो जख्मी किये युवक मोहम्मद इरफान के परिवारजनों द्वारा उन पीड़ित परिवार को सहारा मिल पायेगा या फिर उनके बच्चों को भुखमर्री में दर दर का ठोकर खाने को मजबूर तो नहीं होना पड़ेगा बहुत ही गंभीर एवं चिंता का विषय हैं.