छत्तीसगढ़दुर्ग

बधिरांधता पर आधारित कार्यशाला आयोजित

दुर्ग – जो बच्चा देख नहीं सकता वह सुनकर तथा जो बच्चा सुन नहीं सकता वह दृष्टि का उपयोग कर अपना कार्य कर सकता है, किंतु किन्हीं बच्चों में देखने व सुनने की क्षमता ही विकसित न हो तो इन्हीं बच्चों पर आधारित संभाग स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण बधिरांधता एवं बहु दिव्यांगता की समझ विषय पर साक्षरता भवन दुर्ग के विवेकानंद ऑडिटोरियम में विगत 23 जून 2025 को संपन्न किया गया।

समग्र शिक्षा दुर्ग एवं आकांक्षा लायंस इंस्टीट्यूट अवंती विहार रायपुर के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यशाला में दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, एवं राजनंदगांव ,मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी,खैरागढ़ छुई खदान हंदकंप जिले में कार्यरत समस्त बीआरपी एवं स्पेशल एजुकेटर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में समग्र शिक्षा दुर्ग से सुरेंद्र पांडे (जिला मिशन समन्वयक) आई के रामटेके(ए पी सी) एवं किरण चंदवानी (यूआरसी दुर्ग) द्वारा कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। सभी प्रतिभागियों ने अपने और कार्य क्षेत्र का परिचय देते हुए बधिरांधता के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।

आकांक्षा इंस्टीट्यूट रायपुर द्वारा पुष्पेंद्र लोखंडे द्वारा प्रतिभागियों का पंजीयन कार्य किया गया। आकांक्षा इंस्टीट्यूट के मास्टर ट्रेनर कौशलेंद्र मिश्र एवंश्री पंकज कुमार मौर्य ने बधिरांधता पर विस्तार से चर्चा किए। जिसमें बधिरांधता का अर्थ व प्रकार के साथ-साथ सिंड्रोम एवं बधिरांधता के तीनों कारणों पर विस्तृत जानकारी प्रदान किए।

प्रशिक्षण पूर्णतः प्रायोगिक एवं सामूहिक गतिविधियों द्वारा रोचक रहा। ब्लाइंडफोल्ड के माध्यम से बधिरंध बच्चों की समस्या से अवगत होते हुए तथा अपने पृथक पृथक अनुभव प्रतिभागियों द्वारा दिया गया। बाधिरांध के कारणों को व्यक्त करने प्रतिभागियों के तीन समूह बनाए जिसे बिंदुवार जानकारी देते हुए प्रस्तुतीकरण किए गए।

जिला मिशन समन्वयक सुरेंद्र पांडे ने अपने शैक्षणिक कार्यकाल में समावेशी शिक्षा के अनुभव तथा विशेष बच्चों के गृह संपर्क में हुए अनुभव को साझा करते हुए प्रतिभागियों के क्षमता विकास हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किए। कार्यक्रम के समापन में आई के रामटेके (ए पी सी) द्वारा सभी मास्टर ट्रेनर्स एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षण में प्राप्त किए बातों का लाभ अपने दैनिक जीवन और समावेशी शिक्षा के क्षेत्र के बच्चो में प्रदान करने का अनुरोध किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को पात्रता अनुसार यात्रा भत्ता प्रदान करते हुए प्रमाण पत्र वितरित किया गया।

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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