छत्तीसगढ़दुर्ग

जिला पंचायत सभाकक्ष में ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न, कलेक्टर ने दिए आवश्यक दिशा निर्देश

दुर्ग – कलेक्टर अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा पंचायतों में संचालित निर्माण कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई।

मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित लेबर बजट और मानव दिवस सृजन व युक्तधारा पोर्टल के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2026-27 की कार्य योजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिये गये। जिले की कुल 300 ग्राम पंचायतों में से 92 जल संकट ग्रसित, 166 अर्द्ध जल संकट ग्रसित तथा 42 ग्रीन ज़ोन क्षेत्र के रूप में केंद्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा चिन्हांकित किये गये हैं। अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों की कार्य योजना में इन क्षेत्रों को सम्मिलित करने के निर्देश दिये गये। युक्तधारा पोर्टल पर दो श्रेणियों में कार्य प्रस्तावित हैं। पहली श्रेणी में वृक्षारोपण, तालाबों में मछली पालन, रिचार्ज पिट और नाली निर्माण जैसे कार्य शामिल होंगे, वहीं दूसरी श्रेणी में पशु शेड, आंगनबाड़ी भवन, मुक्तिधाम शेड जैसे निर्माण कार्य रखे जायेंगे। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को इन कार्यों की योजना तैयार करने को कहा गया है।

बैठक में सीईओ बजरंग दुबे ने बताया कि जिले में अब तक 130 अमृत सरोवर निर्माण किए जा चुके हैं, जिनमें से 69 में आजीविका गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। शेष सरोवरों में शीघ्र आजीविका गतिविधियाँ जैसे मत्स्य पालन, बत्तख पालन और सिंघाड़ा उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए गए। स्व-सहायता समूहों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिले में जनपद पंचायत धमधा के 889, दुर्ग के 283 और पाटन के 431 कुल मिलाकर 1603 आवास अपूर्ण हैं। जनपद धमधा द्वारा 20 अक्टूबर 2025 तक 300, दुर्ग द्वारा 150 तथा पाटन द्वारा 300 आवास पूर्ण करने की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने सभी आवासों को तय समय में पूर्ण करने के निर्देश दिये। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना के 649 अप्रारंभ आवासों को अक्टूबर 2025 के अंत तक प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कुल 212 छत स्तर आवासों को अक्टूबर माह के अंत तक, 279 छत स्तर आवासों को नवंबर के अंत तक तथा 207 लिंटल स्तर आवासों को दिसंबर के अंत तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गये हैं। साथ ही 1952 (2024-25), 1097 (2025-26) तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के 648 अपात्र हितग्राहियों की सूची को अपीलीय समिति की स्वीकृति के पश्चात राज्य कार्यालय को भेजने हेतु निर्देश दिये गये।

सभी जनपदों को आर-सेटी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) के माध्यम से रूरल मेसन ट्रेनिंग के लक्ष्यों को शीघ्र प्रारंभ कर पूर्ण करने को कहा गया है। जिन हितग्राहियों का एनपीसीआई मैपिंग नहीं हो पाया है, उनके बैंक खातों का मैपिंग कार्य तीन दिवस के भीतर पूर्ण करने हेतु संबंधित सचिव, नोडल अधिकारी एवं रोजगार सहायकों की ड्यूटी लगाने को कहा गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहान मॉडल सीएलएफ को वितरण केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये गये। साथ ही सीएमटीसी (कम्युनिटी मैनेज ट्रेनिंग सेंटर) के लिए 15 दिवस में भवन चयन कर उसे स्थापित करने तथा जीआरसी (जेंडर रिसोर्स सेंटर) की स्थापना हेतु दुर्ग एवं पाटन जनपद में भवन चयन कर खाता खोलने व स्क्रीनिंग कमेटी से स्वीकृति प्राप्त करने को कहा गया।

लखपति महिला पहल योजना अंतर्गत वर्ष 2025-26 में प्राप्त 42664 लक्ष्यों की त्रैमासिक आय प्रविष्टि आजीविका सीआरपी के माध्यम से समय पर कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले और जनपद स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी 10 प्रतिशत लखपति दीदी की गणना का भौतिक सत्यापन भी करें।

समीक्षा बैठक में सामुदायिक शौचालयों की स्थिति पर भी चर्चा की गई। कुल 433 स्वीकृत शौचालयों में से 419 पूर्ण हो चुके हैं जबकि 09 कार्य प्रगति पर हैं। दुर्ग जनपद के ग्राम झोला एवं धमधा जनपद के ग्राम ढौर (खे) में शौचालय निर्माण कार्य अधूरा है, जिसकी राशि पूर्व सरपंच एवं सचिव द्वारा खर्च कर ली गई है। कलेक्टर ने इस संबंध में वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। साथ ही 404 पूर्ण हो चुके सामुदायिक शौचालयों को क्रियाशील रखने व समूहों को संचालन हेतु सौंपे जाने के निर्देश भी दिए गये। हॉट बाजार एवं मुख्य राज्य मार्गों के समीप आवश्यकतानुसार भौतिक सत्यापन कर नये शौचालय निर्माण के प्रस्ताव भेजने तथा उन्हें आजीविका से जोड़ते हुए संचालन की कार्य योजना बनाकर एमओयू प्रस्तुत करने पर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने की बात कही गई।

स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत घर-घर कचरा संग्रहण और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट की समीक्षा करते हुए बताया गया कि जिले के 381 ग्रामों में यह कार्य किया जा रहा है। इनमें से 165 ग्रामों में यूज़र चार्ज वसूला जा रहा है जिससे 42.42 लाख रुपये की आय हुई है। प्लास्टिक विक्रय से 0.66 लाख की अतिरिक्त आय हुई है। 369 ग्रामों में स्वच्छाग्राही समूहों को सेवा शुल्क प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न ग्राम पंचायतों में सप्ताह में 1 से 7 दिन तक घर-घर कचरा संग्रहण हो रहा है।

कलेक्टर ने मिशन संचालक कार्यालय के निर्देश अनुसार प्रत्येक स्वच्छाग्राही समूह को 15वें वित्त आयोग से न्यूनतम 3000 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्रदान करने के निर्देश दिये। साथ ही सभी ग्रामों से प्रतिमाह प्रतिवेदन प्रस्तुत करने, सप्ताह में कम से कम 3 से 4 दिन कचरा संग्रहण कराने तथा प्रति घर न्यूनतम 50 से 100 रुपये प्रतिमाह यूज़र चार्ज वसूलने की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बजरंग कुमार दुबे, संचालक पंचायत आकाश सोनी, समस्त जनपद पंचायतों के सीईओ, सहायक परियोजना अधिकारी, विभागीय अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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