सपा में ‘राम राम’! जल्द ही रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे अखिलेश,पढ़े पूरी खबर
सिर्फ बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी सपा के लिए सिरदर्द बन रही है. कांग्रेस ने इन विवादों से दूरी बनाए रखी और हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश की. सपा को डर है कि कहीं कांग्रेस यूपी में उसकी सियासी जमीन न छीन ले. शायद इसलिए अखिलेश अब अयोध्या की राह पकड़ने की तैयारी में हैं.

UP Politics: अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन को लेकर समाजवादी पार्टी के तेवर कुछ बदले-बदले से नजर आ रहे हैं. अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने राम नवमी के मौके पर राम मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की और कहा, “राम हमारे रोम-रोम में बसे हैं.” इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जल्द ही रामलला के दर्शन करने अयोध्या आएंगे. अब सवाल ये है कि आखिर सपा ने अपना रुख क्यों बदल लिया है. अचानक ये ‘राम भक्ति’ कहां से जाग गई?
क्या है वजह?
बता दें कि पिछले कुछ समय से सपा विवादों में फंसी दिखाई दे रही है. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, औरंगजेब और राणा सांगा जैसे मुद्दों पर पार्टी के बयानों से हिंदू वोटरों, खासकर राजपूतों में नाराजगी बढ़ गई है. सपा सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए बयान ने तो हंगामा ही मचा दिया था. करणी सेना जैसे संगठन सपा के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. ऐसे में लगता है कि सपा अब अपनी छवि को सुधारने की कोशिश में जुटी है. सपा रामलला के दर्शन से डैमेज कंट्रोल की कोशिश में है.
कांग्रेस से भी टक्कर
सिर्फ बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी सपा के लिए सिरदर्द बन रही है. कांग्रेस ने इन विवादों से दूरी बनाए रखी और हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश की. सपा को डर है कि कहीं कांग्रेस यूपी में उसकी सियासी जमीन न छीन ले. शायद इसलिए अखिलेश अब अयोध्या की राह पकड़ने की तैयारी में हैं.
हिंदुत्व की लहर में उलझा PDA!
अवधेश प्रसाद ने कहा, “हम अयोध्या में पैदा हुए, यहीं पढ़े, और हमेशा राम के दर्शन करते रहे हैं.” सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला अब हिंदुत्व की लहर में उलझता नजर आ रहा है. खासकर पिछड़े और दलित वोटरों में हिंदुत्व का जोश देखकर सपा को लग रहा है कि राम मंदिर से दूरी अब नुकसान पहुंचा सकती है.
क्या अखिलेश का अयोध्या दौरा सपा की सियासत को नई दिशा देगा? या ये सिर्फ विवादों से ध्यान हटाने की चाल है? आने वाले दिन बताएंगे कि सपा का ये ‘राम राग’ कितना रंग लाता है. तब तक सबकी नजर अखिलेश के अगले कदम पर टिकी है.