छत्तीसगढ़दुर्ग

जिला इनक्यूबेशन हब दुर्ग में एक दिवसीय बेसलाइन स्टडी का आयोजन

*महिलाओं के सपनों को अवसरों से जोड़ने की अनूठी पहल

दुर्ग – ’’महिलाओं के सपनों को अवसरों से जोड़ने’’ के उद्देश्य से जिला इनक्यूबेशन हब में एक दिवसीय बेसलाइन स्टडी का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दुर्ग प्रशासन, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज इनक्यूब फाउंडेशन तथा कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

इस विशेष आयोजन में स्थानीय महिला उद्यमियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। लगभग 80 महिलाएँ की 8 स्व-सहायता समूहों तथा 12 व्यक्तिगत महिला उद्यमियों ने पूरे दिन गहन संवाद और विचार-विमर्श में हिस्सा लिया। इस संवाद का उद्देश्य महिलाओं की वास्तविक चुनौतियों, जमीनी हकीकतों और उनके सामने आने वाली उद्यमशील कठिनाइयों को समझना तथा उन्हें अवसरों से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करना था।

दिनभर चलने वाले इस आयोजन को कई समाजसेवियों और प्रेरक हस्तियों की उपस्थिति ने और भी ऊर्जा प्रदान की। इनमें एडीके मेकर्स प्रा. लि. के संस्थापक एवं जिला इनक्यूबेशन हब के अग्रणी इनक्यूबी राहुल धिंगरा, गुरुग्राम की समाजसेवी  रंजना यादव, दुर्ग की कंचन सिंह और आगा खान सोशल वेलफेयर बोर्ड की चेयरपर्सन अमीना हीरानी शामिल है।

बेसलाइन स्टडी का उद्देश्य-

महिला उद्यमियों की वास्तविक स्थिति, उनकी चुनौतियों और संभावनाओं को समझना, ताकि उन्हें उपयुक्त संसाधन, प्रशिक्षण और बाज़ार से जोड़ा जा सके।

कार्यक्रम के दौरान, एडीके मेकर्स प्रा. लि. के संस्थापक एवं जिला इनक्यूबेशन हब (क्प्भ्) के अग्रणी इनक्यूबी राहुल धिंगरा ने महिला उद्यमियों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने उद्यमिता की बारीकियों, उभरते बाज़ार की मांगों तथा अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों के उपयोग पर अपना समृद्ध अनुभव साझा किया।

एडीके मेकर्स की भूमिका-

महिलाओं के व्यावसायिक विचारों को इनोवेशन आधारित मॉडल में बदलने में सहयोग। आधुनिक तकनीक, डिज़ाइन थिंकिंग और डिजिटल टूल्स से महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित करना। उनके उत्पादों और सेवाओं को नए बाज़ारों तक पहुँचाने के लिए नेटवर्किंग और ब्रांडिंग सपोर्ट। वित्तीय प्रबंधन और निवेश तक पहुँच दिलाने में मार्गदर्शन। इस तरह एडीके मेकर्स महिलाओं के उद्यम को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक ले जाने में एक मज़बूत हस्तक्षेप कर सकता है। महिला उद्यमियों ने भी अपने अनुभव और कठिनाइयाँ साझा करते हुए कार्यक्रम को सार्थक बनाया। कई महिलाओं ने यह स्वीकार किया कि वे लंबे समय से छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन संसाधनों और मार्गदर्शन की कमी के कारण ठहराव महसूस कर रही थीं। यह आयोजन उनके लिए नए विचार, संपर्क और हौसला लेकर आया। कार्यक्रम का समापन जिला इनक्यूबेशन हब के प्रोग्राम मैनेजर समीरन मित्रा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि महिला उद्यमियों को दीर्घकालिक अवसरों से जोड़ने की यात्रा का आरंभ है। इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि जब महिलाओं के सपनों को अवसरों से जोड़ा जाता है, तो वे समाज और अर्थव्यवस्था दोनों में नए परिवर्तन की वाहक बन सकती हैं।

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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