छत्तीसगढ़दुर्ग

विधायक ललित चंद्राकर व महापौर अलका बाघमार रहे मुख्य अतिथि, छात्रों को दी जीवन रक्षा की सीख

🔹सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा” एवं अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कार्यक्रम

🔹संभाग स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में गूंजे सड़क सुरक्षा के मुद्दे

🔹ग्रामीण विधायक व महापौर ने कहा ,शिक्षा और अनुशासन दोनों ही जीवन की ढाल

🔹एस.एन.जी. विद्या भवन सेक्टर-4 भिलाई में हुआ भव्य आयोजन

दुर्ग – नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आज सुबह “सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा” विषयक संभाग स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का भव्य आयोजन एस.एन.जी. विद्या भवन, सेक्टर-4, भिलाई में किया गया। कार्यक्रम में नगर पालिक निगम की विधायक ललित चंद्राकर एवं महापौर अलका बाघमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।इस अवसर एमआईसी सदस्य शेखर चंद्राकर, रंजीता पाटिल,ब्रांड एंबेसडर विश्वनाथ पनिग्रही, सहित यातायात अधिकारीगण मौजूद रहे।

विधायक ललित चंद्राकर की सीख-

ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा शिक्षा ही व्यक्ति को सही और गलत की पहचान कराती है। सड़क पर अनुशासन और जीवन में अनुशासन, दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। पढ़ाई के साथ-साथ यदि हम नियमों का पालन करेंगे तो समाज और राष्ट्र दोनों का विकास सुनिश्चित होगा।”

महापौर अलका बाघमार का संबोधन-

महापौर बाघमार ने छात्र-छात्रओं को संबोधित करते हुए कहा सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा से सीधे जुड़ा विषय है। हर साल हजारों लोग सिर्फ लापरवाही और नियम तोड़ने की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। यदि हम हेलमेट, सीट बेल्ट और ट्रैफिक सिग्नल जैसे छोटे-छोटे नियमों का पालन करें, तो कई परिवारों को अपूरणीय क्षति से बचाया जा सकता है।”उन्होंने आगे कहा कि विद्यार्थियों को अपने परिवार और समाज में सड़क सुरक्षा की जागरूकता फैलाने में ‘ब्रांड एंबेसडर’ की तरह कार्य करना चाहिए।

छात्र-छात्राओं की सहभागिता-

कार्यक्रम में संभाग के विभिन्न विद्यालयों से आए दर्जनों छात्र-छात्राओं ने वाद-विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। बच्चों ने ‘सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए ट्रैफिक नियमों के पालन, सड़क दुर्घटनाओं की भयावह स्थिति और सुरक्षित भारत की परिकल्पना पर जोर दिया। निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों के वक्तव्यों का मूल्यांकन किया और विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया।

साक्षरता दिवस का संदेश-

इस अवसर पर शिक्षकों ने भी अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि शिक्षा ही वह साधन है, जिससे हर व्यक्ति जागरूक होकर समाज और देश की प्रगति में भागीदार बन सकता है।

समापन-

कार्यक्रम का समापन अतिथियों द्वारा विजेता प्रतिभागियों को ट्रॉफी और प्रमाणपत्र प्रदान करने के साथ हुआ। महापौर और विधायक ने सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ देते हुए उन्हें आगे भी समाजहित के विषयों पर सक्रिय रहने की प्रेरणा दी।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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