अंडर ब्रिज शुभारंभ विवाद : छप गए थे कार्ड, पहुंच गए थे बराती, लेकिन नहीं हुई शादी….पहुंचे थे अंडर ब्रिज उद्घाटन करने, बिना फीता कांटे ही वापस लौटे….

दुर्ग का रायपुर नाका अंडरब्रिज इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। ब्रिज में आवागमन को लेकर स्थानीय पार्षद और लोगों ने पुलिस के डंडे तक खए थे और अब दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा की नेतागिरी भी काम नहीं आ रही है। विधायक और कलेक्टर (जिला प्रशासन) दल-बल के साथ अंडरब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां रेलवे के अधिकारियों ने अधूरे निर्माण कार्य का हवाला देकर शुभारंभ कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है। वहीं विधायक अरुण वोरा आज ही शुभारंभ के पक्ष में थे और जिले के प्रभारी मंत्री मो.अकबर सहित पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू के हाथों फीता कटवाने आमंत्रण कार्ड भी छप गया था। लेकिन रेल प्रबंधक के मनाही के बाद उद्घाटन कार्यक्रम पर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है.
रायपुर नाका अंडर ब्रिज क विवाद सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है, बता दें दुर्ग शहर विधायक और जिला प्रशासन ने 12 अक्टूबर को शुभारंभ करने की बात कही थी जिसके लिए बकायदा जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर को पीता कटवाने आमंत्रण पत्र भी दिया गया था. लेकिन रेलवे के डीआरएम ने अंडर ब्रिज में लाइट व पेंटिंग के काम होने का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी. बता दे पटरी पार क्षेत्र की लगभग दो लाख जनता ब्रिज मे आवागमन को लेकर प्रशासन के पहल का इंतजार कर रही है इस मामले में स्थानीय पार्षद अरुण सिंह वार्ड वासियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले थे और उन्हें अल्टीमेटम भी दिया था पर उस दौरान भी कुछ नहीं हुआ.
अब बुधवार को सुबह विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल, दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा, दुर्ग निगम के आयुक्त सहित अधिकारी व जनप्रतिनिधि पहुंचे जिन्हें रेलवे की मनाही के बाद लौटना पड़ा और समूचे कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित करना पड़ा । इससे दुर्ग जिला प्रशासन और दुर्ग विधायक अरुण वोरा की किरकिरी हो रही है।
इस मामले में रेलवे के डीआरएम संजीव कुमार ने कहा कि आज ही हमने ज्वॉइन किया है। इस मामले की पूरी जानकारी लेकर ही स्पष्ट कर पाएंगे। लेकिन उन्होंने आगे कहा कि रेलवे अंडरब्रिज नहीं खोल रहा तो कार्य जरूर अधूरा होगा। रेलवे बेवजह विलंब नहीं करती।
रायपुर नाका अंडरब्रिज……
मार्च 2019 में रेलवे ने अंडरब्रिज का निर्माण शुरू करवाया था। जबकि ब्रिज अप्रैल 2020 में बनकर तैयार हो जाना था। यह ब्रिज लगभग 7.2 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है। यह ब्रिज 43 मीटर लंबा और छह मीटर चौड़ा है।