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मेयर अलका बाघमार की अध्यक्षता में हुई MCI की बैठक: एक देश एक चुनाव का संकल्प एमआईसी में सर्वसम्मति से पारित !

दुर्ग – नगर निगम की मेयर इन काउंसिल की बैठक मेयर श्रीमती अलका बाघमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कक्ष में आयोजित हुई।बैठक में कमिश्नर सुमित अग्रवाल,एमआईसी सदस्य देव नारायण चन्द्राकर, नरेंद्र बंजारे,चंद्रशेखर चन्द्राकर,लीना दिनेश देवांगन,काशीराम कोसरे,ज्ञानेश्वर ताम्रकर,मनीष साहू,नीलेशअग्रवाल,शिवनायक,लीलाधर पाल,शशि साहू,हर्षिका जैन,उपायुक्त मोहेंद्र साहू,कार्यपालन अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी,दिनेश नेताम,आर के जैन,गिरीश दीवान सहित अधिकारी/कर्मचारी की मौजूदगी में सबसे पहले बाजार विभाग पार्किंग जुड़े एजेंडों पर चर्चा हुई।

इंदिरा मार्केट वाहन शुल्क हेतु 3 वर्षों के लिए निविदा पर चर्चा की गई।इदिरा मार्केट वाहन पार्किंग ठेका व न्यू बस स्टैंड में वाहन पार्किंग ठेका को मेयर श्रीमती अलका बाघमार व परिषद के सदस्यों की सहमति से रेट नही आने के कारण अगले एमआईसी की बैठक में निर्णय हेतु टाला गया।

मेयर इन काउंसिल की बैठक के दौरान परिषद के सदस्यों की सहमति से विवेकानंद भवन एवं कुशा भाउ ठाकरे भवन को लीज में देने का निर्णय लिया गया।

मेयर इन काउंसिल की बैठक में एक देश एक चुनाव का संकल्प एमआईसी में सर्वसम्मति से सहमति प्रदान किया गया।लोक सभा एवं विधानसभा चुनाव पूरे देश के एक साथ कराने से भारी भरकम खर्च एवं प्रशासनिक कार्यो प्रभावित होने से बचने हेतु‘’एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा के समर्थन में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करते है, जिसका उद्देश्य भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और आर्थिक रूप से सृदृढ़ बनाना है।

उद्देश्यः-एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का मुख्य उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ आयोजित करना है ताकि समय, संसाधन, और प्रशासनिक खर्चों की बचत हो सके तथा देश के विकास कार्यों में निरंतरता बनी रहे।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा एक राष्ट्र-एक चुनाव के लाभः- प्रशासनिक और आर्थिक दक्षताः- बार-बार चुनाव कराने में भारी प्रशासनिक खर्च और संसाधनों की बर्बादी होती है।

एक साथ चुनाव से चुनावी खर्च में भारी कमी आएगी और सुरक्षा बलों, शिक्षकों, और प्रशासनिक अधिकारियों को बार-बार चुनावी ड्यूटी से मुक्त किया जा सकेगा। विकास कार्यों में निरंतरताः बार-बार लगने वाले आदर्श आचार संहिता के कारण विकास परियोजनाएँ रूक जाती है। एक साथ चुनाव होने से यह बाधा दूर होगी और सरकारें अपने विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।

राजनीतिक स्थिरताः- एक साथ चुनाव राजनीतिक अस्थिरता को कम करने में मदद करेगा, जिससे नीति निर्माण में स्थिरता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा।मतदाताओं की जागरूकता और भागीदारी।

एक साथ चुनाव से मतदाताओं में अधिक जागरूकता और उत्साह पैदा होगा, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ेगा और लोकतंत्र को सशक्त किया जा सकेगा।चुनावी खर्च में कटौतीः

चुनाव आयोग व राजनीतिक दलों को बार-बार चुनाव प्रचार के लिए भारी धनराशि खर्च करनी पड़ती है। एक साथ चुनाव होने से चुनावी खर्च में कटौती होगी, जिससे धन का अधिक सदुपयोग हो सकेगा।

संवैधानिक और व्यावहारिक समाधानः-

महापौर ने कहा संसद में प्रस्तुत विधेयक के पारित कर इसे कानूनी रूप दिया जाये।चुनाव आयोग को आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाये।

उन्होंने ये भी कहा सभी राजनीतिक दल आम सहमति बनाकर इस आगे बढ़ें।महापौर ने किया आग्रह एक राष्ट्र, एक चुनाव एक कांतिकारी कदम है, जो भारत के लोकतंत्र को और अधिक मजबूत, पारदर्शी, और कुशल बना सकता है। इससे न केवल सरकार के कार्यों में निरंतरता आएगी, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता भी सुदृढ़ होगी। इस प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन करते है और इस लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की अनुशंसा को एमआईसी में सभी की निर्णय से सर्वसम्मति से पारित किया गया।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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