कालीमाई मड़ई का किया गया आयोजन,100 वर्षों से चली आ रही परंपरा! पढ़े ख़ास ख़बर
राजनांदगांव- लगभग 100 वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार राजनांदगांव शहर के पुराना बस स्टैंड में काली माई का आयोजन किया गया। काली माई मंदिर समिति द्वारा प्रतिवर्ष यहां मड़ाई का आयोजन किया जाता है। इसके बाद ही जिले में मडा़ई-मेले की शुरुआत होती है। दीपावली के बाद भाई दूज के दिन शहर के पुराना बस स्टैंड में मड़ाई का आयोजन किया जाता है।
जो राजनांदगांव शहर सहित जिले की पहली मड़ाई होती है। यहां मडा़ई संपन्न होने के बाद ही जिले के अन्य गांव में मडा़ई मेले का दौर शुरू होता है। आयोजन समिति काली माई मंदिर के सदस्य रघु शर्मा और गणेश पवार ने बताया कि यह प्रदेश की पहली ऐसी मडा़ई है जहां मेले में दुकान लगाने वालों से शुल्क नहीं लिया जाता है। परम्परा का निर्वाहन करते हुए मड़ई की संस्कृति और विरासत को बचाने के लिए मंदिर समिति द्वारा यह आयोजन किया जाता है।
पुराने बस स्टैंड में आयोजित होने वाली इस मड़ई में बच्चों के झूले, चार्ट पकौड़ों के ठेले सहित सैकड़ो दुकानें सजाई गई। प्रतिवर्ष यहां राजनंदगांव सहित आसपास जिलों से भी लोग मड़ाई के आयोजन का आनंद लेने पहुंचते हैं। यहां देर शाम मडा़ई का आयोजन किया जाता है जो देर रात तक जारी रहता है।