सरकारी बोर से खेतों में सिंचाई : भीषण गर्मी में लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं, मगर खेतों में बह रहा पानी

डोंगरगढ़ – छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम भोथली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक किसान अपने घर के सामने स्थित शासकीय हैंडपंप में निजी मशीन लगाकर लंबे समय से खेतों की सिंचाई कर रहा है। यह कार्य सार्वजनिक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। जो संबंधित अधिकारी के संरक्षण में इसे अंजाम दे रहे हैं।
भीषण गर्मी के इस दौर में जहां आम जनता पीने के पानी के लिए परेशान है, वहीं सरकारी जल स्रोतों का इस तरह दुरुपयोग गंभीर चिंता का विषय है। गांव में जलस्तर पहले ही काफी नीचे जा चुका है, ऐसे में शासकीय बोर का निजी उपयोग प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं-
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले की शिकायत पहले भी कई बार की जा चुकी है। लेकिन हर बार जिम्मेदार अधिकारी केवल मौखिक चेतावनी देकर मामले को टाल देते हैं। आज तक किसी भी तरह की सख्त प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है।
मशीन लगाकर सफाई का बहाना-
शासकीय बोर में मशीन लगाने वाले कर्मचारी शुरुआत में यह कहकर बचाव करते हैं कि वे पानी की सफाई के लिए ऐसा कर रहे हैं। लेकिन महीनों तक मशीन फिट रहना और केवल एक व्यक्ति को इसका लाभ मिलना, इस दावे को संदेहास्पद बना देता है। कर्मचारी खुद स्वीकार करते हैं कि यह केवल भोथली गांव में नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों में हो रहा है—वह भी अधिकारियों के कहने पर।
कलेक्टर के निर्देशों की अनदेखी-
गौरतलब है कि, जिला कलेक्टर ने जल स्तर को ध्यान में रखते हुए धान की खेती और नए बोर खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है। इसके बावजूद पीएचई विभाग के अधिकारी कलेक्टर के निर्देशों को दरकिनार कर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करवा रहे हैं। जब विभागीय कार्यालय में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो जवाब मिला कि “साहब फील्ड में हैं”। सवाल यह उठता है कि यदि अधिकारी फील्ड में हैं, तो उनकी मौजूदगी में इस प्रकार के गैरकानूनी कार्य कैसे हो रहे हैं। क्या यह अधिकारियों की शह पर हो रहा है, या फिर वे वास्तव में फील्ड में नहीं रहते। इस मामले पर डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम का कहना है कि, मुझे यह जानकारी आप लोगों के माध्यम से प्राप्त हुई है, हम जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे। अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनहित से जुड़े गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है। क्या केवल खानापूर्ति कर मामले को दबा दिया जाएगा, या फिर वास्तव में दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई होगी।