मोंथा का असर : नम हवा से बादल छाए रहेंगे, पारा फिर बढ़ने के आसार
ठंड का रहेगा इंतजार, गुरुवार को दुर्ग जिले में दिनभर बादल छाए रहे और रुक रुककर फुहारें पढ़ती रही

दुर्ग – चक्रवाती तूफान मोंथा के अवशेषों का असर अब भी प्रदेश के मौसम पर दिख रहा है। गुरुवार को दुर्ग जिले में दिनभर बादल छाए रहे और रुक-रुककर फुहारें पड़ती रहीं। ठंडी हवा जरूर चली, लेकिन ठंड में इजाफ नहीं हुआ। अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री रहा, इसके बावजूद दुर्ग प्रदेश का सबसे गर्म जिला दर्ज हुआ। राजनांदगांव में अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 1.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। विशेषज्ञों का अनुमान है कि बादल छाए रहेंगे, लेकिन शुक्रवार से मौसम सामान्य होने लगेगा और बारिश कम होगी
कैसा रहेगा नवम्बर का मौसम –
नवंबर महीने में पिछले साल न्यूनतम तापमान 16 डिग्री से नीचे नहीं गया था। जबकि उससे पहले के वर्षों में रात का तापमान 13-14 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया है। अबके साल भी इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। अनुमान है कि, इस साल जिले में अच्छी ठंडक की शुरुआत नवंबर आखिर तक होगी। इससे पहले मौसमी सिस्टम से बारिंश भी संभावित है, जिससे तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि साल 2021 में तापमान 11.2 डिग्री था। साल 2014 में सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था।
ऐसा है सात दिनों के लिये मौसम पुर्वनुमान-
तिथि अधिकतम न्यूनतम तापमान
31अक्टूबर 30.2 22.3
01 नवम्बर 31.1 23
02 नवम्बर 31 21
03 नवम्बर 31.2 22.6
04 नवम्बर 31.4 20.3
05 नवम्बर 30 19.5
आखिर कहा गईं ठंडक –
मौसम विभाग के विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि इस बार मौसम चक्र में बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तर दिशा से ठंडी और शुष्क हवा का प्रवेश बाधित हो गया है। वर्तमान में हवा का रुख पूर्वी या दक्षिण पूर्व बना हुआ है। इसके अलावा पश्चिम में तैयार हुए विक्षोभ की वजह से हवा में नमी की मात्रा बढ़ी हुई है। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक नमी बढ़ने से यह ठंडी हवा को खुद समेट लेता है, जिससे ठंडी हवा का प्रसार नहीं होता। बादल ठंडक भरी हवा को ट्रैप कर ऊपर नहीं उठने देता, बल्कि इसे दोबारा से धरती की तरफ भेज देते हैं। यही वजह है कि न्यूनतम तापमान में वृद्धि होती है। अधिकतम पारा भी बढ़ता है।



