छत्तीसगढ़दुर्ग

शिक्षा समाज को बदलने, व्यक्तियों को सशक्त बनाने और एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे शक्तिशाली माध्यम है- राज्यपाल डेका

*-के.के. मोदी विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

*-67 छात्रों को बी-टेक, बीबीए और बीसीए में प्रदान की गई डिग्री

दुर्ग – छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि शिक्षा समाज को बदलने, व्यक्तियों को सशक्त बनाने और एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे शक्तिशाली माध्यम है। लेकिन आज की तेजी से विकसित हो रही दुनिया में, केवल डिग्री ही सफलता को परिभाषित नहीं करती है। राज्यपाल ने कहा कि स्नातक के रूप में, आप एक ऐसी दुनिया में कदम रख रहे हैं जो गतिशील और चुनौतियों से भरी है। इस नए युग को सफलतापूर्वक नेविगेट करने के लिए, आपको लगातार अपने आप को अपस्किल और रीस्किल करना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार ने कौशल भारत, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) और राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) जैसी पहलों के माध्यम से कौशल विकास पर महत्वपूर्ण जोर दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे युवा उद्योग के लिए तैयार हों और आर्थिक विकास को गति देने में सक्षम हों। राज्यपाल रमेन डेका आज होटल रोमन पार्क में आयोजित के.के. मोदी विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में 67 छात्रों को बी-टेक, बीबीए और बीसीए में डिग्री प्रदान की गई। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने दीक्षांत समारोह और डिग्री मिलने पर छात्रों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आपकी यात्रा में आज एक ऐसा दिन है जो आपकी वर्षों की कड़ी मेहनत, दृढ़ता और ज्ञान की अथक खोज को दर्शाता है।

राज्यपाल डेका ने कहा कि भारत उद्यमशीलता क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। हमारे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम फल-फूल रहा है और छत्तीसगढ़ नवाचार के केंद्र के रूप में उभर रहा है। स्टार्ट-अप इंडिया पहल, स्टैंड-अप इंडिया और मुद्रा योजना उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और वित्तीय सहायता और अनुकूल कारोबारी माहौल के साथ युवाओं का समर्थन करने में सहायक रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में राष्ट्र ने मुद्रा ऋण योजना के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। इसके माध्यम से छोटे पैमाने के उद्यमियों को 32 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है, जिसमें से 68 प्रतिशत महिला उद्यमी थीं। उन्होंने डिग्री प्राप्त युवाओं से आग्रह किया कि वे केवल नौकरी की तलाश न करे बल्कि नौकरी सृजक बने। साहसी बनें, जोखिम उठाएँ और वास्तविक दुनिया की समस्याओं के लिए अभिनव समाधान लाएँ। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि हम विकसित भारत 2047 के विजन की ओर आगे बढ़ रहे हैं, आप में से प्रत्येक को भारत को वैश्विक नेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। एक विकसित भारत की नींव उसके शिक्षित युवाओं के हाथों में है, जिन्हें नवाचार, प्रौद्योगिकी, सतत विकास और समावेशी विकास के माध्यम से योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान के साथ स्नातक होना महत्वपूर्ण है, लेकिन उद्योग में जो चीज आपको अलग बनाएगी, वह है प्रभावी ढंग से संवाद करने, आलोचनात्मक रूप से सोचने और विविध टीमों के साथ सहयोग करने की आपकी क्षमता। आधुनिक कॉर्पाेरेट दुनिया को ऐसे पेशेवरों की आवश्यकता है जो आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास के साथ विचारों को व्यक्त कर सकें। सॉफ्ट स्किल्स, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, समस्या-समाधान क्षमता और नेतृत्व गुण आपकी सफलता में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

राज्यपाल ने युवकों को अपने संचार कौशल को लगातार सुधारने, टीमवर्क को अपनाने और बदलती परिस्थितियों के अनुकूल एक अभिनव मानसिकता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जब आप इन विश्वविद्यालय के द्वार से बाहर निकलते हैं, तो याद रखें कि सीखना कभी बंद नहीं होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया एक निरंतर विकसित होने वाली कक्षा है, और आपकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की यात्रा जारी रहनी चाहिए। राज्यपाल ने आह्वान किया कि आपकी शिक्षा ने आपको पंख दिए हैं; अब समय आ गया है कि आप ऊंची उड़ान भरें और अपनी बुद्धि और समर्पण के साथ देश के भविष्य को आकार दें। राज्यपाल श्री डेका ने डिग्री प्राप्त सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। विश्वविद्यालय की उपकुलपति डॉ. मोनिका सेठी शर्मा ने विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता और समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय की कुलपति चारू मोदी और मोदी इंटरप्राइजेस की अध्यक्ष डॉ. बीना मोदी ने भी समारोह में अपने विचार व्यक्त किए। दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में डिग्री प्राप्त छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक तथा प्रध्यापकगण उपस्थित थे।

 

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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