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Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में पूर्व IAS निरंजन दास को EOW की 4 दिन की रिमांड पर भेजा गया, स्पेशल कोर्ट में हुई थी पेशी!

ईओडब्‍ल्‍यू की रिमांड पर चल रहे पूर्व आईएएस निरंजन दास, होटल कारोबारी यश पुरोहित और नितेश पुरोहित को आज एबीसी और ईओडब्‍ल्‍यू की स्‍पेशल कोर्ट में पेश किया गया था.

CG Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में पूर्व IAS निरंजन दास को EOW की 4 दिन की रिमांड पर भेजा गया, स्पेशल कोर्ट में हुई थी पेशी

CG News: ईओडब्‍ल्‍यू की रिमांड पर चल रहे पूर्व आईएएस निरंजन दास, होटल कारोबारी यश पुरोहित और नितेश पुरोहित को आज एबीसी और ईओडब्‍ल्‍यू की स्‍पेशल कोर्ट में पेश किया गया था.
IAS Niranjan Das

पूर्व IAS निरंजन दास

CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में ईओडब्‍ल्‍यू की रिमांड पर चल रहे पूर्व आईएएस निरंजन दास, होटल कारोबारी यश पुरोहित और नितेश पुरोहित को आज एबीसी और ईओडब्‍ल्‍यू की स्‍पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यश पुरो‍हित और निरंजन दास की 4 दिनों की रिमांड बढ़ा दी. वहीं नितेश पुरोहित को न्‍यायिक रिमांड पर भेज दिया है.

दरअसल, पुलिस ने हाल ही में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. गुरुवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर इन्हें ACB-EOW की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस ने कोर्ट से रिमांड बढ़ाने की मांग की थी. जानकारी के अनुसार, EOW ने चैतन्य और अनवर ढेबर के मैनेजर दीपेन चावड़ा को भी रिमांड पर लिया था. इसके बाद सभी आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई थी.

निरंजन दास ने बनाया था सिंडिकेट

EOW की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सामने आया है कि निरंजन दास ने कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर एक सिंडिकेट तैयार किया था. बताया जा रहा है कि इस सिंडिकेट से हर महीने करीब 50 लाख रुपये की कमाई होती थी. इसी तरह अधिकारियों ने घोटाले के जरिए करीब 50 करोड़ रुपये की काली संपत्ति खड़ी की.

जांच में सामने आया कि नोएडा की प्रिज्म होलोग्राफिक सिक्योरिटी फिल्म्स कंपनी को टेंडर दिलाने में निरंजन दास ने अहम भूमिका निभाई. कंपनी अयोग्य होने के बावजूद उसे काम दिया गया. हर एक होलोग्राम पर 8 पैसे का कमीशन तय किया गया था. इसी खेल के चलते राज्य को करीब 1200 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा.

शराब घोटाले के पैसे का नेटवर्क

EOW ने आरोप लगाया कि शराब घोटाले का पैसा सिंडिकेट के सदस्य अनवर ढेबर के पास जमा होता था. आयकर विभाग की जांच में सामने आया कि जनवरी 2019 से फरवरी 2020 के बीच अनवर ढेबर यह पैसा रायपुर की जेल रोड स्थित गिरीराज होटल में रखवाता था. जांच में यह भी पता चला कि यह होटल यश पुरोहित और नितेश पुरोहित का है. यहीं से पैसा नेताओं, अधिकारियों और पार्टी फंड में पहुंचाया जाता था. इस पूरे काम को अनवर का मैनेजर दीपेन चावड़ा संभालता था.

भिलाई तक पहुंचता था पैसा

जांच में खुलासा हुआ कि दीपेन चावड़ा ही इस घोटाले के पैसों को भिलाई तक पहुंचाता था. आगे की जांच में यह भी सामने आया कि इन पैसों को लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू और चैतन्य बघेल मैनेज करते थे. इस घोटाले का हिस्सा तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास को भी दिया जाता था. सभी आरोपों को ध्यान में रखते हुए ही इन सभी को गिरफ्तार किया गया.

3200 करोड़ से बड़ा शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ में साल 2018 से 2023 के बीच कांग्रेस सरकार के दौरान शराब घोटाले का खेल चला. पहले EOW ने जांच में बताया था कि अवैध 61 लाख पेटी शराब की बिक्री कर करीब 2174 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई. लेकिन अब चार्जशीट में खुलासा हुआ कि यह घोटाला दरअसल 3200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है. EOW के मुताबिक, इस पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोड़ों की जमीन और संपत्ति खरीदी.

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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