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विधानसभा चुनाव जितने के लिए BJP का प्लान तैयार,क्या है रणनीति जिसपर अगले एक महीने होगा काम, जानिए

छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. बीजेपी ने अगले एक महीने तक के लिए कई बड़े प्लान बना रही है. दरअसल, विधानसभा चुनाव के आखिरी 6 महीने महीने बचे हैं. इसलिए बीजेपी में बैठकों का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर बस्तर (Bastar) और दुर्ग (Durg) संभाग के एक सप्ताह के दौरे पर हैं.

दुर्ग में संभागीय बैठक लेने के बाद अब वो लगातार बस्तर संभाग का दौरा कर रहे हैं. ओम माथुर लगातार विधानसभा स्तरीय बैठक ले रहे हैं. चुनाव को लेकर पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि इन बैठकों में सभी बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हर एक विधानसभआ में सक्रियता बढ़ाने और लोगों के जमीनी मुद्दो पर आंदोलन करने का निर्देश दिया जा रहा है. इसका असर भी जल्द ही दिख सकता है.

5 मई से 30 मई तक सहकारिता चौपाल लगाएगी बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी बस्तर में मोर्चा संभाले हुए हैं, तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव लगातार रायपुर में बैठक कर रहे हैं. गुरुवार को रायपुर में अरुण साव ने बीजेपी सहकारिता प्रकोष्ठ की बैठक ली है. इसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं को सहकारिता चौपाल लगाने का निर्देश दिया है. बैठक में अरुण साव ने कहा “कांग्रेस सरकार ने सहकारिता आंदोलन को खत्म करने कोशिश कर रही है. इसके विरोध में राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही निर्णय लिया गया कि आगामी माह 5 मई से 20 मई तक सभी सहकारी समितियों में बीजेपी सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों और सहकारिता के मुद्दों को लेकर सहकारिता चौपाल आयोजित की जाएगी.” अरुण साव ने ये भी बताया है कि 30 मई 2023 को प्रदेश के सभी जिलों में सहकारिता बचाओ आंदोलन का आयोजन किया जाएगा.

मोहन मरकाम ने क्या कहा
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लगातार आदिवासी क्षेत्रों में दौरे कर रहे हैं. इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बयान दिया है. उन्होंने कहा छल कपट कर 15 साल तक रमन सिंह सरकार में निर्दोष आदिवासियों को जेल में बन्द किया जाता रहा. रमन सिंह सरकार में पांचवी अनुसूची क्षेत्रों को मिले कानूनी अधिकारों को दरकिनार कर ग्राम सभा के अनुमोदन के बिना हजारों आदिवासियों से उनकी जमीनें छीनी गईं. यही नहीं रमन सिंह सरकार में नक्सली बताकर आदिवासियों के मासूम बच्चों को मुठभेड़ में मारा गया.”उन्होंने कहा कि इन सब के लिए ओम माथुर को बस्तर की जनता से माफी मांगनी चाहिए. इसके अलावा मोहन मरकाम ने कहा कि बीजेपी ने आदिवासियों समेत सर्वसमाज के आरक्षण को राजभवन में रोकने का षडयंत्र किया है. ओम प्रकाश माथुर  प्रदेश की जनता को इसषडयंत्र का भी जवाब दे और इसके लिये भी माफी मांगे.

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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