CG VIDHANSABHA: मॉनसून सत्र प्रश्नकाल के दौरान उठा शराबबंदी का मामला, विपक्ष के सवाल पर आबकारी मंत्री ने दिया यह जवाब
रायपुर -विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान राज्य में शराबबंदी का मामला उठा। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि शराबबंदी के लिए सरकार ने तीन समितियों का गठन किया। लखमा ने आगे कहा कि राजनीतिक समिति के लिए भाजपा से भी नाम मांगा गया था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मंत्री ने कहा कि यदि भाजपा वाले नाम दे दिए होते तो अब तक हो गया होता। इस पर धरमलाल कौशिक ने पूछा कि क्या कांग्रेस ने शराबबंदी की घोषणा भाजपा वालों से पूछ के किया था। इसके बाद सदन में दोनों तरफ से आरोप- प्रत्यारोप के साथ नारेबाजी होने लगी। शोरशराबे के बीच प्रश्नकाल समाप्त हो गया।
शराबबंदी का यह मामला शिवरतन शर्मा के प्रश्न पर चर्चा के दौरान उठा। यह प्रश्न राज्य में शराब पर लगने वाले टैक्स को लेकर था। मंत्री लखमा ने अपने उत्तर में बताया कि प्रदेश में 178 देशी, 162 कम्पोजिट, 304 विदेशी और 27 प्रीमियम शराब दुकानें छत्तीगसढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन के माध्यम से संचालित की जा रही है। मंत्री लखमा ने शराबबंदी को लेकर बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने एक जनवरी 2019 को शराबबंदी लागू करने की अनुशंसा के लिए तीन समितियों का गठन किया। इसमें विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षत में गठित राजनीतिक पार्टी की तीन बैठक हो चुकी है। वहीं विभागीय सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रशासनिक समिति की दो और सामाजिक समिति की एक बैठक हुई है। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्न किया कि किस नियम प्रक्रिया में सरकार को राजनीतिक समिति गठित करने का अधिकार है। इसके बाद कौशिक ने भी प्रश्न किया और फिर हंगामा होने लगे।