
दुर्ग – छत्तीसगढ़ में कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नग्न प्रदर्शन किया गया. जानकारी के अनुसार प्रदर्शन कर रहे अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति वर्ग (ST) के एक दर्जन से अधिक युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इस बाबत पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी.
अधिकारियों की ओर से जो जानकारी दी थी उसके अनुसार, शहर के पंडरी थाना क्षेत्र के आमा सिवनी मोड़ के करीब नग्न होकर विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कुछ युवक अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को अचानक विधानसभा की तरफ बढ़ने लगे. ये लोग पूरी तरह से नग्न होकर नारेबाजी करते नजर आये.
क्यों किया गया नग्न प्रदर्शन जानें
अधिकारियों की मानें तो, पुलिस को जब घटना की जानकारी मिली, तब इन युवकों को हिरासत में ले लिया गया. प्रदर्शन कर रहे युवकों ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 267 लोग अनुसूचित जाति और जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. यही वजह है कि हमें इस प्रकार से प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा. एक प्रदर्शनकारी युवक ने कहा कि इन लोगों की गिरफ्तारी और इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए हम लोगों ने आमरण अनशन किया था, लेकिन किसी ने हमारी सुनी नहीं. इसके चलते अब हम नग्न प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी मांग है फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों की गिरफ्तारी हो और उनके द्वारा वेतन से अर्जित संपत्ति जब्त करने का काम किया जाए. यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम और उग्र प्रदर्शन भविष्य में करेंगे.
भाजपा ने साधा कांग्रेस सरकार पर निशाना
बताया जा रहा है कि विधानसभा जाने वाली सड़क पर अचानक बड़ी संख्या में नग्न युवकों को हाथ में तख्ती लेकर नारे लगाते हुए देखकर कई लोगों ने उनका वीडियो बना लिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर किया जो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को भाजपा ने अपने ट्विटर वॉल पर शेयर किया और प्रदेश की बघेल सरकार पर निशाना साधा. भाजपा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित वर्गों के साथ शोषण का दर दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा हैं! आज से शुरू हुए विधानसभा के मानसून सत्र के बीच राजधानी की सड़कों पर एसटी एससी वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया गया है. मंत्रियों का काफिला सड़कों से गुजर रहा था. जानकारी के मुताबिक फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एससी एसटी वर्ग के युवाओं ने ये प्रदर्शन किया है.
चार दिवसीय मानसून सत्र शुरू
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र मंगलवार को शुरू हुआ और यह 21 जुलाई तक चलेगा. साल के अंत में राज्य में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले यह अंतिम विधानसभा सत्र है जिसमें हंगामा होता नजर आ रहा है. छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कथित घोटालों और नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन सहित कई मुद्दों पर राज्य की भूपेश बघेल सरकार को घेरने का फैसला किया है. मानसून सत्र के दौरान भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाने का काम करेगी.
इस साल होने हैं विधानसभा चुनाव
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले जहां कांग्रेस ने कमर कस ली है. वहीं भाजपा प्रदेश की बघेल सरकार पर लगातार हमलावर है. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने साल 2018 में हुए चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी और भाजपा के पंद्रह साल के शासन को उखाड़ फेंका था. छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीट है. पिछली बार कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि भाजपा के खाते में केवल 15 सीटें आयीं थी.