देश-दुनिया

बिहार : CM नीतीश कुमार ने किया 125 यूनिट फ्री बिजली का ऐलान, ये ‘मुफ्त’ का लड्डू कितना मीठा और कितना महंगा?

सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि सरकार पर इस "फ्री" बिजली का भारी बोझ पड़ने वाला है. जब सरकार मुफ्त में कुछ देती है, तो इसका मतलब ये नहीं कि उसकी कोई लागत नहीं होती. बल्कि, उस लागत को टैक्सपेयर्स यानी हम और आप जैसे लोग ही किसी न किसी रूप में चुकाते हैं.

डेस्क – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा ऐलान किया है. अब बिहार के लोगों को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी. यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं, बल्कि एक ऐसा तोहफा है जिससे लाखों परिवारों को सीधा फायदा होगा. यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगी, और सबसे अच्छी बात ये है कि इसका फायदा आपको जुलाई 2025 के बिजली बिल से ही मिलना शुरू हो जाएगा.

क्यों खास है ये ऐलान?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से सस्ती बिजली देने के पक्ष में रही है और अब ये तय कर लिया गया है कि राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई शुल्क नहीं देना होगा.

लेकिन यहीं पर एक सवाल भी उठता है – ये फ्री क्या सच में ‘फ्री’ होता है? दरअसल, ‘फ्रीबीज’ यानी मुफ्त की योजनाओं का चलन भारतीय राजनीति में नया नहीं है. इसकी शुरुआत दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मॉडल से हुई, जहां मुफ्त बिजली और पानी ने उनकी पार्टी को जबरदस्त सफलता दिलाई. इसके बाद, कई राज्यों में ऐसी योजनाओं की बाढ़ सी आ गई, जैसे तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन, पंजाब में मुफ्त बिजली, राजस्थान में सस्ते सिलेंडर आदि. हर राज्य सरकार अपने वोट बैंक को साधने के लिए ऐसी घोषणाएं करती है.

सरकार पर कितना बोझ?

इस योजना का सीधा फायदा 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को मिलेगा. खासकर उन गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को, जिनके लिए बिजली का बिल एक बड़ी चिंता का विषय होता है. अब उन्हें इस बोझ से काफी हद तक राहत मिलेगी.

लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि सरकार पर इस ‘फ्री’ बिजली का भारी बोझ पड़ने वाला है. जब सरकार मुफ्त में कुछ देती है, तो इसका मतलब ये नहीं कि उसकी कोई लागत नहीं होती. बल्कि, उस लागत को टैक्सपेयर्स यानी हम और आप जैसे लोग ही किसी न किसी रूप में चुकाते हैं. यह पैसा सरकार के खजाने से आता है, जो अंततः जनता से वसूले गए टैक्स का ही हिस्सा होता है.

बिहार जैसे राज्य के लिए पैसा कहां से आएगा? यह एक बड़ा सवाल है. बिहार एक ऐसा राज्य है जो विकास के कई मानकों पर अभी भी पीछे है और उसकी वित्तीय स्थिति हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है. ऐसे में 125 यूनिट मुफ्त बिजली जैसी योजना पर आने वाला करोड़ों रुपये का खर्च सरकार कैसे वहन करेगी, यह देखने वाली बात होगी.

राजस्व में कमी: मुफ्त बिजली देने से बिजली कंपनियों का राजस्व कम होगा, जिसकी भरपाई सरकार को करनी पड़ेगी.

अन्य विकास कार्यों पर असर: मुफ्त योजनाओं पर भारी भरकम खर्च करने से शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए फंड कम पड़ सकते हैं.

कर्ज का बढ़ना: यदि राज्य के पास पर्याप्त राजस्व नहीं है, तो उसे इन योजनाओं को चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है, जिससे राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा.

सिर्फ मुफ्त बिजली नहीं, सौर ऊर्जा का भी मिलेगा सहारा!

नीतीश कुमार ने सिर्फ मुफ्त बिजली का ही ऐलान नहीं किया है, बल्कि एक और बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में सरकार इन सभी घरेलू उपभोक्ताओं की सहमति से उनके घरों की छतों पर या पास के सार्वजनिक स्थानों पर सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plants) लगाएगी.

‘कुटीर ज्योति योजना’ के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. बाकी लोगों को भी सरकार उचित सहयोग देगी. यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि इससे न केवल बिजली का खर्च बचेगा, बल्कि अगले तीन सालों में बिहार को लगभग 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा मिलेगी. इसका मतलब है कि बिजली संकट काफी हद तक खत्म हो जाएगा और बिहार आत्मनिर्भर बनेगा. यदि सौर ऊर्जा का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल होता है, तो यह लंबी अवधि में मुफ्त बिजली के बोझ को कम करने में मदद कर सकता है.

चुनावी माहौल में बड़ा दांव?

यह फैसला बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है, और इसे नीतीश सरकार का एक बड़ा दांव माना जा रहा है. इस कदम से जनता के बीच सरकार की छवि मजबूत होगी और बिजली के मुद्दे पर उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. अब देखना यह होगा कि यह योजना बिहार के विकास में कितनी सहायक होती है और आम जनता के जीवन में कितना बड़ा बदलाव लाती है, और क्या यह ‘फ्रीबीज’ का मीठा फल, राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कहीं खट्टा तो साबित नहीं होगा.

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!